23 दिन में तीसरी बार शताब्दी में आग
-दिल्ली से कानपुर आ रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस के पार्सल कोच में लगी भीषण आग
-गाजियाबाद स्टेशन पर गार्ड ने धुआं निकलता देख दी सूचना, तुरंत एक्टिव हुए अफसर KANPUR। शताब्दी एक्सप्रेस जैसी वीआईपी ट्रेन में भी पैसेंजर्स को सफर करने में अब डर लगने लगा है। क्योंकि बीते 23 दिन में तीन बार शताब्दी एक्सप्रेस में आग लगने की घटना हो चुकी है। सैटरडे को दिल्ली से कानपुर आ रही स्वर्ण शताब्दी के पार्सल कोच में भीषण आग लग गई। गनीमत रही कि गाजियाबाद स्टेशन पर धुएं को देख ट्रेन के गार्ड वीडी शिवहरे ने कंट्रोल रूम में सूचना दी। ट्रेन गाजियाबाद स्टेशन में खड़ी होने की वजह से तत्काल शंटिंग स्टाफ से लेकर ओएचई डिपार्टमेंट मौके पर पहुंच गया। आनन-फानन रेलवे कर्मचारियों ने कोच को अलग कर आग को काबू कर लिया। लगातार हो रही घटनाएंलखनऊ-दिल्ली शताब्दी, फिर देहरादून शताब्दी और अब लखनऊ स्वर्ण शताब्दी। 23 दिन में शताब्दी में आग लगने का तीसरा केस है। 25 फरवरी को भी लखनऊ-दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस के सी-4 कोच के पॉवर पैनल में शॉर्ट सर्किट हुआ था। जिसे तुरंत ही कंट्रोल कर लिया गया था। देहरादून शताब्दी का एक कोच आग से खाक हो गया था।
कानपुर में लगाया गया दूसरा कोचसैटरडे को गाजियाबाद में स्वर्ण शताब्दी के पार्सल कम्बाइंड पावर कोच में आग लगने की वजह से कोच को हटा कर ट्रेन लखनऊ के लिए रवाना कर दी गई थी। ट्रेन में दो पॉवर कोच लगने की वजह से इंजन के बाद लगने वाले पॉवर कोच से ही पूरे कोच में इलेक्ट्रिक सप्लाई की जा रही थी। ट्रेन के कानपुर पहुंचने पर दूसरा पॉवर कोच लगाया गया। घटना की वजह से दिल्ली से लखनऊ जाने वाली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से लगभग दो घंटे देरी से दोपहर 1:32 बजे कानपुर सेंट्रल पहुंची।
- घटना ट्रेन के सबसे पीछे वाले कोच की होने की वजह से हम लोगों को जानकारी नहीं हुई थी। ट्रेन काफी देर खड़ी रही। इसके बाद हम लोगों को जानकारी हुई। हरीश कुमार - मैं तो पार्सल कोच के बगले वाले कोच सी-16 में जर्नी कर रहा था। घटना की जानकारी हुई थी लेकिन समय रहते कोच हटा दिया गया था। इससे कोई डरने की बात नहीं थी। आशीष अग्रवाल - घटना की वजह से ट्रेन लगभग डेढ़ घंटे गाजियाबाद में खड़ी रही थी। उसकी वजह से परेशानी हुई लेकिन कोच में भय वाला कोई माहौल नहीं था। रजनीश कुमार