- सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से कर सकेंगे बीए एलएलबी आनर्स की पढ़ाई

- सेशन 2021-22 से यह कोर्स यूनिवर्सिटी के अटल बिहरी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज में संचालित होगा

- इस कोर्स की 120 सीटों पर एडमिशन का प्रॉसेस अगले महीने से शुरू होने की संभावना है।

KANPUR: यदि आप लॉ की फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो अब आपको पहले से ज्यादा मौके मिलेंगे। साथ ही आपको कोर्स करने के लिए किसी दूसरी यूनिवर्सिटीज के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। दरअसल, सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स अब 'बीए एलएलबी आनर्स' कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। अभी यूनिवर्सिटी में एलएलएम व एलएलबी पांच वर्षीय कोर्स कराया जाता है। सेशन ख्0ख्क्-ख्ख् से यह कोर्स यूनिवर्सिटी के अटल बिहारी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज में संचालित होगा। इस कोर्स की क्ख्0 सीटों पर एडमिशन का प्रॉसेस अगले महीने से शुरू होने की संभावना है। नए सेशन से एलएलबी इंटिलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के छह माह के सार्टिफिकेट कोर्स के बाद अब ऑनर्स कोर्स को स्वीकृति मिलने से छात्रों के सामने लॉ की फील्ड में अपना भविष्य संवारने के लिए कई रास्ते खुल जाएंगे।

क्लैट में रैंक होल्डर को प्राथमिकता

तीन वर्षीय इस कोर्स में 'कामन ला एडमिशन टेस्ट' के रैंक होल्डर स्टूडेंट्स को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा क्ख्वीं क्लास की मेरिट और इंटरव्यू के आधार पर भी उन्हें एडमिशन मिलेगा। मंडे को वाइस चांसलर प्रो। विनय पाठक की अध्यक्षता में हुई सीएसजेएम यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद की बैठक में एलएलबी के इस नए कोर्स पर मुहर लगा दी गई।

यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन

यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर स्टूडेंट्स इन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। ला आनर्स को मिलाकर यूनिवर्सिटी कैंपस में संचालित सभी प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन का नोटिफिकेशन अगले महीने जारी किए जाने की संभावना है।

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टीचर्स के ब्म् पदों के लिए होगा इंटरव्यू

सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में संचालित रेग्युलर सिलेबस में टीचर्स की नियुक्ति जल्द होगी। अलग-अलग शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति व पदोन्नति के मानक बन गए हैं। ग्रांट और सेल्फफाइनेंस कोर्स में टीचर्स के सेलेक्शन को लेकर दिए गए पुराने ऐड को रद्द कर दिया गया है। उनके चयन के लिए नया विज्ञापन मानकों के आधार पा जारी किया जाएगा। इसमें ब्0 मा‌र्क्स का रिटेन एग्जाम, फ्0 मा‌र्क्स में पीएचडी, नेट, एमफिल, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन समेत अन्य एकेडमिक रिकार्ड का मूल्यांकन होगा। इसके अलावा ख्0 मा‌र्क्स उनके पढ़ाने के कौशल के होंगे। इसमें उन्हें पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन होगा जबकि क्0 मा‌र्क्स का इंटरव्यू होगा। अभी विभिन्न रेगुलर कोर्स में फ्8 नए पद मिलाकर ब्म् पद खाली हैं। रेगुलर कोर्स में अभी केवल ख्0 टीचर हैं।

पीवीएएस के आधार होगा प्रमोशन

करिअर एडवांसमेंट स्कीम के तहत शिक्षकों को दी जाने वाली पदोन्नति में उनकी शोध कार्य, पठन पाठन व सेमिनार के आयोजन समेत अन्य शैक्षिणिक क्रियाकलाप देखे जाएंगे। परफोर्मेंस बेस्ड असिस्मेंट सिस्टम 'पीवीएएस' के आधार पर ही उन्हें पदोन्नति मिलेगी।

सेल्फ फाइनेंस कोर्स में टीचर भी

यूनिवर्सिटी में संचालित सेल्फ फाइनेंस डिपार्टमेंट में अनुबंधित शिक्षकों की नियुक्ति भी की जाएगी। इसके लिए कार्यपरिषद की बैठक में खाली शैक्षणिक पदों पर विचार किया जाएगा।

आईआईटी के सहयोग से ट्रे¨नग

बीटेक के छात्र अब साइबर सिक्योरिटी की बारीकिया केवल किताबों में नहीं पढ़ेंगे बल्कि उन्हें प्रैक्टिल स्टडी के जरिए इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें आईआईटी उनका सारथी होगा। आईआईटी के सीनियर प्रोफेसर छात्रों को साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में होने वाले बदलाव व नए-नए साफ्टवेयर के बारे में जानकारी देंगे। नए सेशन से छात्र आनलाइन व आफलाइन दोनों प्रकार से आईआईटी के प्रोफेसरों से इसका मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। बैठक में जस्टिक श्रीकांत त्रिपाठी, आइआइटी के पूर्व उप निदेशक प्रो। मणींद्र अग्रवाल, उत्तराखंड ओपेन यूनिवर्सिटी के प्रो। आरसी मिश्रा, जागरण एजुकेशन फाउंडेशन के सीईओ डा। जेएन गुप्ता, डीन एकेडमिक प्रो। अंशु यादव, डीन एडवांस स्टडीज इन सोशल साइंसेज प्रो। संजय स्वर्णकार, डीन रिसर्च डा। वर्षा गुप्ता, वित्त अधिकारी साधना श्रीवास्तव, प्रो। मुनेश कुमार, कुलसचिव डा। अनिल यादव, प्रो। नंदलाल व प्रो। सुधीर अवस्थी समेत कार्यपरिषद के अन्य मौजूद रहे।

यह भी हुए निर्णय:

-स्टूडेंट सपोर्ट सेल करेगा छात्रों की डिग्री, मार्कशीट व प्रमाण पत्र की समस्या का समाधान

-तीन दिन के अंदर छात्रों की जटिल से जटिल समस्या हल कर दी जाएगी

-छात्रावास के छात्र छात्राओं की समस्या के निदान के लिए काउंसिल ऑफ हॉस्टल मैनेजमेंट का गठन किया गया

-यूनिवर्सिटी में प्रधान सहायक अब प्रशासनिक अधिकारी बनाए जाएंगे। अभी प्रशासनिक अधिकारी के क्8 पद हैं जिनमें पांच खाली हैं। इनमें बेहतर कार्य करने वाले प्रधान सहायकों को पदोन्नति दी जाएगी

-अस्थायी पदों के स्थायीकरण के संबंध में शासनादेश को स्वीकार कर लिया गया। बेहतर व लंबे समय से कार्य करने वालों को इसका लाभ मिलेगा

Posted By: Inextlive