नगर निगम व केडीए की लापरवाही से शहर में लगे वॉटर फाउंटेन ठूंठ बन कर खड़े हैैं. पॉल्यूशन पर अंकुश लगाने और सिटी के चौराहों और पार्कों की सुंदरता बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर ये वॉटर फाउंटेन लगाए गए थे. ताकि सिटी की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ आबोहवा को भी शुद्ध किया जाए लेकिन इन फाउंटेन से कुछ दिन तो फव्वारा छूटा बाद में मेंटीनेंस न किए जाने से एक-एक कर सभी बंद होते चले गए. अब अंगुलियों पर गिनी जाने वाली संख्या में ही फाउंटेन चल रहे बाकी अफसरों की निगाह पडऩे का इंतजार कर रहे हैैं. हालात यह हो चुके हैैं कि कई फाउंटेन में लगे सामान तक गायब कर दिए गए हैं वहीं किसी में बिजली कनेक्शन तो किसी में वॉटर सप्लाई नहीं हो रही है. इससे करोड़ों के नुकसान के साथ शहर की सुन्दरता का एक प्रयास भी दम तोड़ गया है.

कानपुर (ब्यूरो) जाजमऊ चौराहा, किदवई नगर, भगवतदास घाट, लालइमली चौराहा, बकरमंडी ढाल समेत शहर में 62 से अधिक चौराहो पर वाटर फाउंटेन बनाए गए थे। इनमें लालइमली समेत कुछ फाउंटेन में अभी भी पानी भरा हुआ है, कुछ के ऊपर के हिस्से पूरी तरह से खराब हो चुके हैं, जिस वजह से पानी नहीं निकलता है, वहीं, फाउंटेन के आसपास लगाए गए पत्थर भी टूट चुके हैं। नीचे के लेबल पर भरे पानी में गंदगी भरी पड़ी है। मेंटीनेंस न होने से इन फाउंटेन की दशा यह हो गई है कि अगर इन्हें दोबारा चालू भी किया जाता लाखों-करोड़ों का खर्च करना पड़ेगा।

बकरमंडी की रौनक चली गई
बकरमंडी तिराहे के पास लगभग बीस साल पहले वॉटर फाउंटेन बनाया गया था, शुरूआती दिनों में यह फाउंटेन कुछ सालों तक चलाया भी गया, बीच में बंद हुआ और फिर कुछ दिन चला, लेकिन मेंटीनेंस नहीं हुआ तो अब यह फाउंटेन पिछले पांच सालों से बंद पड़ा है।

भगवतदास घाट पर लगा 'दागÓ
भगवतदास घाट चौराहे पर सात साल पहले वॉटर फाउंटेन बनाया गया था। यहां पर कलरफुल लाइटें भी लगाई गई, लेकिन बाकी जगहों की तरह यहां भी कुछ महीने फव्वारा चल सका, हालांकि बाद में इसे सिर्फ रातों में चालू किया गया, लेकिन कभी चलता तो क0भी बंद रहता है। अब करीब दो साल से यह बंद होकर वीआईपी रोड का ऐसे में यह फाउंटेन भी अब सिटी के लिए बेदाग बन चुका है।

फूलबाग में खत्म हुआ आकर्षण
सिटी के हिसाब से फूलबाग एक मुख्य स्पॉट है, यहां पर पहली स्मार्ट रोड से लेकर नानाराव पार्क, गांधी भवन समेत अन्य ऐतिहासिक स्थल मौजूद है, इस जगह को खूबसूरत बनाने के लिए वॉटर फाउंटेन बनाया गया, कोरोना काल से पहले यह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ था, लेकिन अब सिर्प शोपीस बन कर रह गया है।

गोल चौराहे की चमक खत्म
गोल चौराहे पर वॉटर फाउंटेन बनाया गया था, रात के समय रंग-बिरंगी लाइटें जलती थी, जिससे चौराहे की सुन्दरता और बढ़ जाती थी। अब लंबे समय से वाटर फाउंटेन खराब पड़ा है। इस ओर नगर निगम भी ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके कारण इसकी हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब यह चालू हुआ था तो रात में इसकी सुंदरता और भव्यता दूर से ही नजर आती थी।

पार्कों के वॉटर फाउंटेन भी शांत
मुख्य चौराहों के अलावा किदवई नगर फाउंटेन पार्क, गोविंद नगर 13 ब्लॉक पार्क, साकेत नगर पार्क, इंद्रा पार्क पनकी, केशव मधुबन पार्क केशव नगर, जूही कला पार्क, किदवई नगर साइड नंबर वन पार्क समेत सिटी के तमाम पार्कों में स्थित कई पार्कों में भी फव्वारे बंद पड़े हैं।

फाउंटेन बंद होने का मेन कारण
पानी के बजाय गंदगी भरमार
फाउंटेन पर लगा तांबे के नोजल (फव्वारा) और मशीनें गायब
देखरेख के अभाव में बंद हुए फाउंटेन
कई फाउंटेन में बिजली कनेक्शन नहीं
मेंटीनेंस के अभाव में फाउंटेन बर्बाद
जलपूर्ति न होने से भी बंद

फैक्ट फाइल
62 छोटे बड़े वाटर फाउंटेन
50 से अधिक वाटर फाउंटेन खा रहा जंग
10 करोड़ से अधिक बनाने के लिए खर्च
20 लाख से अधिक मेंटीनेंस पर खर्च
95 परसेंट से अधिक फाउंटेन बंद
5 परसेंट फाउंटेन रात में बढ़ाते हैं शोभा

यहां यहां के फाउंटेन बंद
भगवतदास घाट
जाजमऊ चौराहा
किदवई नगर
लाल इमली
फूलबाग
ईदगाह तिराहा
बकरमंडी ढाल
गोल चौराहा

Posted By: Inextlive