मड़ौली गांव में 13 फरवरी सोमवार को मां-बेटी के जलकर मरने के दर्दनाक हादसे को एक बार फिर दोहराया गया. गांव वालों के सामने फिर बुलडोजर गरजा फिर झोपड़ी जली और फिर मां-बेटी रख हुए. आग लगते ही हर तरफ चीख पुकार मच गई. लेकिन इस बार वो मा-बेटी नहीं बल्कि कपड़े और फूस के पुतले थे. घटनाक्रम देखकर मृतका के परिजनों की आंखे भर आईं. एसआईटी और फॉरेंसिक टीम के सामने पूरा क्राइम सीन बनाया गया.


कानपुर (ब्यूरो) बुधवार दोपहर लगभग 12:30 बजे मड़ौली गांव से 500 मीटर दूर खेत में झोपड़ी में आग लग गई। हर तरफ चीख पुकार और झोपड़ी के अंदर मौजूद थी विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम, जिसे आग की तपिश से बचने के लिए फायर सूट पहनाए गए थे। झोपड़ी में नेहा और उसकी मां के पुतले भी मौजूद थे, जिन्हें फायर सूट पहने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम इधर उधर कर रही थी। मृतक के परिजन रहे मौजूददरअसल इस मामले में जांच कर रहे एसआईटी प्रमुख एसपी हरदोई राजेश द्विवेदी ने क्राइम सीन रिक्रिएशन के लिए कहा था। जिसके बाद बुधवार को टीम पहुंची थी। जहां सीन रिक्रिएशन होना था, वहां से मीडिया और ग्रामीणों को दूर रखा गया था। वहां नेहा के परिवार वाले मौजूद थे। फूस की झोपड़ी के साथ मंदिर भी बनाया गया था। इस तरह का बनाया गया था सीन


झोपड़ी के किनारे जेसीबी मशीन खड़ी थी। मुख्य रास्ते से खेत में उतरने के लिए रास्ता बना था और किनारे मंदिर बना हुआ था। खेत के हर तरफ पुलिस तैनात थी। केवल कुछ लोगों की ही इंट्री वहां थी। अचानक जेसीबी मशीन एक्शन में आती है और झोपड़ी में आग लग जाती है। मौके पर मौजूद लोगों को पहले ही शोर मचाने के लिए कह दिया गया था। एसआईटी प्रमुख ने बताया कि सीन रिक्रिएशन से ये जानने की कोशिश की जा रही है कि आखिर आग कैसे लगी और इतनी तेजी से आग कैसे फैली। आपको बताते चलें कि 13 फरवरी सोमवार को हवा इतनी तेज चल रही थी कि आग को फैलने में चंद सेकेंड ही लगे। विशेषज्ञों ने जाना कि क्या आग लगनेविधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम के सदस्यों की माने तो आग लगने की पहली और पुुख्ता वजह मां बेटी द्वारा आत्मदाह करना था। इसके अलावा दूसरी वजह पता नहीं चल सकी है, लेकिन इसका पुख्ता सुबूत नहीं मिल सका है। घटनास्थल से मिलने वाले वीडियो भी इस कांड में मुख्य इविडेेंस होंगे। घटना के दो दिन बाद मिले इविडेंस ही इस कांड के मुख्य इविडेंस होंगे। जिसे टीम ने अपनी जांच में शामिल कर लिया है। सीन रिक्रिएशन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है। इस दौरान दोनों एसआईटी मौके पर मौजूद रहीं।लगातार दर्ज किए जा रहे हैैं बयान

इस सनसनीखेज घटना के 9 दिन हो गए। सात दिन से एसआईटी भी काम कर रही है। लगातार दोनों एसआईटी युद्धस्तर पर बयान दर्ज कर रही हैैं। प्रशासन की एसआईटी का आज अंतिम दिन था। रिपोर्ट तैयार कर ली गई है, जल्द ही शासन को सौंपी जाएगी।

Posted By: Inextlive