'ट्रिपल ई' फैक्टर पर फोकस करने वाली गवर्नमेंट चाहिए
-बिरहाना रोड क्रक्स एकेडमी में यूथ ने बेबाकी से रखे अपने चुनावी मुद्दे, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाइज किया गया 'मिलेनियल्स स्पीक'
>kanpur@inext.co.inKANPUR : लोकसभा चुनाव नजदीक है और देश में यूथ की बढ़ती संख्या के चलते यूथ ही इस चुनाव में नेताओं की किस्मत लिखने वाला है। ऐसे में यूथ के चुनावी मुद्दे जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट 'मिलेनियल्स स्पीक' प्लेटफार्म के जरिए डेली यूथ के बीच पहुंच कर उनके मुद्दों को जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहा है। बातचीत में सामने आया कि यूथ ट्रिपल ई (एजुकेशन, इम्प्लॉयमेंट और इम्पॉवरमेंटट) फैक्टर पर काम करने वाली पार्टी को ही सत्ता की चाबी सौंपने का मन बना रहे हैं। इसके अलावा डेवलपमेंट, करप्शन, लॉ एंड ऑर्डर और नेशनल सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर भी यूथ बात कर रहे हैं। वेडनेसडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम और रेडिया सिटी के आरजे राघव बिरहाना रोड स्थित क्रक्स एकेडमी पहुंचे, जहां यूथ ने शेयर किए अपने चुनावी मुद्दे।
जुर्म के हिसाब से हो हर फैसलाआरजे राघव ने इंट्रोडक्शन के साथ चुनावी मुद्दों पर बात शुरू की तो अमीशा, अनमोल और नौरीन ने कहा कि हमारी कंट्री में कानून व्यवस्था बहुत ही खराब है। एक व्यक्ति को न्याय हासिल करने में सारी उम्र बीत जाती है। हत्या जैसे मामलों में तारीख पर तारीख मिलती रहती है और अंत में गुनाहगार छूट जाते हैं। लचर कानून के ही कारण आज लोग जमीनों पर कब्जा करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। उन्हें पता होता है कि पीडि़त को सिर्फ ये बात प्रूफ करने में ही सालों लग जाएंगे कि वो जगह उसकी थी। उन्होंने कहा कि हमारे यहां भी हर एक जुर्म को उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिए कोर्ट में टाइम बाउंडेशन होनी चाहिए। इससे लोगों को जल्द इंसाफ मिल सकेगा और क्राइम ग्राफ भी घट जाएगा।
कानून तोड़ने वालों पर हो सख्तीजुहैब, संगम और देवांग ने कहा कि कानून तोड़ने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। गवर्नमेंट को इस पर विचार करने की जरूरत है। लोगों में डर होगा तो कंट्री की सूरत भी बदलेगी। मतलब अगर कोई ट्रैफिक रूल्स तोड़ता है या घर के बाहर कूड़ा डालता है तो उसे पकड़े जाने पर सख्त सजा मिलनी चाहिए। इससे लोगों में अपने आप सुधार होने लगेगा। जब तक लोगों में डर नहीं होगा तब तक डेवलपमेंट करना और सिस्टम लागू कर पाना मुश्किल होगा। ऐसी सरकार चाहिए, जो लोगों के हित में बनाए जाने वाले कानून को न मानने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सके। अगर ऐसी स्थिति पांच साल बनी रही तो हम भी अमेरिका जैसे देश की तर्ज पर ही नियमों का पालन करते नजर आएंगे।
डेवलपमेंट है हर यूथ का सपना अशहर, आयुष व नितिन ने कहा कि पार्टी किसी की भी हो, लेकिन डेवलपमेंट की बात होनी चाहिए। शहर में जॉब के मौके मिलें, मेट्रो चलनी चाहिए और जो भी यूथ के हित में हो वो सब कुछ होना चाहिए। कहा डेवलपमेंट करने वाली पार्टी की ही गवर्नमेंट बननी चाहिए। लेकिन, कई बार डेवलपमेंट के नाम पर नेता सिर्फ अपनी जेबें भरने का काम करते हैं। ऐसे में मुख्य मुद्दा करप्शन बनता है। अगर करप्शन खत्म होगा तो डेवलपमेंट भी तेजी से होगा। जबकि, हमारी कंट्री में आए दिन निर्माण कराया जाता है, जो रातों रात खस्ताहाल हो जाता है और फिर से उसके निर्माण को करोड़ों खर्च कर दिए जाते हैं। इसमें कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक का कमीशन भी सेट होता है। करप्शन खत्म करना प्राथमिकतादेवांशी, रिद्धिमा और मरियम ने कंट्री से करप्शन को मिटाने की बात पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि चुनाव आते ही नेता, प्रत्याशी गली गली पहुंच कर लुभावने वादे करते हैं। जबकि, जीतने के बाद वो अपने आप को बहुत बड़ा वीआईपी समझते हैं। पांच साल में सिर्फ पूरा टारगेट जेब भरने में लगा देते हैं। इस तरह का भ्रष्टाचार पकड़ा जाने पर बीच में ऐसे नेताओं के अधिकारी छीनने का कानून होना चाहिए। करप्शन को जड़ से खत्म करने वाला चाहिए। छोटे से काम से लेकर बड़े स्तर के काम तक बिना घूस कोई काम ईमानदारी से नहीं किया जाता है। इन सभी समस्याओं पर लगाम लगाने वाले की गवर्नमेंट चाहिए।
योजनाओं का इंप्लीमेंट है जरूरी शुभांगी, श्रृष्टि व प्रिंसी ने कहाकि सिर्फ योजना बना देना ही ऑप्शन नहीं है। उसका ठीक से इंप्लीमेंट करना भी गवर्नमेंट का काम है। कई बार योजनाएं यूथ के हित की होती हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में वो उन तक पहुंच ही नहीं पाती है। अगर बैंक से लोन ही लेने की बात करें तो जो सच में उसका लाभार्थी होता है, उसे मिलता ही नहीं है। जिनके पास पहले से पैसे होते हैं, उनको बैंक लोन आसानी से दे देती है। अगर आप को लोन चाहिए तो इसके लिए आपको बैंक मैनेजर का भी हिस्सा लगाना होगा। इस तरह का भ्रष्टाचार भी खत्म होने की जरूरत है।
मिलेनियल्स वर्जन- - भ्रष्टाचार का मुद्दा हमेशा से उठता रहा है। गवर्नमेंट इस मुद्दे में बाद में खुद भी लिप्त हो जाती है। जनता के पैसे की बर्बादी करने से पहले जनता की राय लेने का भी कानून होना चाहिए। तो कम से कम बसपा के काल में करोड़ों रुपए मूर्तियों के नाम पर बर्बाद न किए जाते। - - वर्तमान गवर्नमेंट में मुद्रा योजना जैसी योजना ने यूथ को स्टार्टअप का मौका दिया है। इस गवर्नमेंट में लगभग सब ठीक है। लेकिन डेवलपमेंट के नाम पर काफी पीछे हैं। हमें इस ओर भी काम करने की जरूरत है। डेवलपमेंट के बिना सब अधूरा है। - -यूथ को भाषण नहीं चाहिए। डेवलपमेंट चाहिए, नौकरी चाहिए और योजनाओं का इम्प्लीमेंट चाहिए, जिससे वो भी देश और अपनी आर्थिक स्थिति को बना सकें। पढ़ाई लिखाई करने के बाद यूथ को देश और अपना घर न छोड़ना पड़े। गवर्नमेंट को इस अोर भी कुछ ध्यान देना चाहिए। - - लिट्रेसी और हेल्थ के क्षेत्र में काम होना चाहिए। लाखों रुपए योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के नाम पर खर्च किया जाता है। इसके बाद भी 50 परसेंट से ज्यादा लोगों को उसके बारे में पता तक नहीं होता है। गवर्नमेंट स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति काफी खराब है। इस पर उन्हें काम करना चाहिए, जिससे लोग प्राइवेट स्कूल छोड़ कर बच्चों को गवर्नमेंट में पढ़ाएं। - - चुनाव नजदीक आते ही नेता लुभावने वादे करने हमारे घर आ जाते हैं। लेकिन, यह हमें ही समझने की जरूरत है कि वोट किसको देना है। अपने चुनावी मुद्दे की अहमियत समझ कर हमें वोट करना चाहिए। नेता ऐसा हो जो सभी को साथ लेकर चल सके। - - स्टडी और जॉब के लिए लोग कंट्री से बाहर जा रहे हैं। कुछ पढ़ लिख कर जॉब के लिए बाहर जा रहे हैं। अगर उन्हें अगर अपनी काबलियत के अनुसार यहां ही सब कुछ मिल जाए तो तो कोई कंट्री न छोड़े। शिक्षा के स्तर को सुधारने की बात करने वाले को यूथ का वोट जाएगा। - - गवर्नमेंट के साथ लोगों में भी सिविक सेंस जगाने की जरूरत है। अगर हम अपने घरों के आसपास सफाई रखें तो नगर निगम को भी इस पर काम करना होगा। डेवलपमेंट पर बात करने के साथ ही तेजी से काम भी किया जाए तो काफी कुछ बदला जा सकता है। - ------------------- कड़क बात नेता ऐसा होना चाहिए जो डेवलपमेंट की बात करे न कि जाति धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम करे। यूथ समझदार हैं और ऐसे लोगों को पहचानते हैं, जो अपने फायदे के लिए लोगों को लड़ाने का काम करते हैं। प्रेजेंट गवर्नमेंट गायों की बात करती है, लेकिन किसानों को होने वाली समस्या नहीं दिखती। टेनरियां बंद कर दी गई हैं, जिसका फायदा अन्य कंट्री उठा कर हमारा बिजनेस ले गई। अगर किसी चीज को बंद करना है तो पहले सब्स्टीट्यूट खोज लेना चाहिए। मेरी बात चुनाव में मीठी मीठी बातें कर जनता को लुभाने वालों को वोट नहीं देना है। देश में फैल रहे अनइम्प्लॉयमेंट को दूर करने की बात करने वाले को हमारा वोट जाएगा। कई डिपार्टमेंट्स में वैकेंसी के बाद भी योग्यता रखने वाले को जॉब नहीं मिल पाती है। हालांकि एक बात सच है कि वर्तमान गवर्नमेंट ने काफी डेवलपमेंट किए हैं। किसानों और बेरोजगारों के लिए सरकार काम कर रही है। अगर योजनाओं के बारे में सही ढंग से पता किया जाए तो यूथ की समस्याओं का हल निकल सकता है। ---------------------