अतिक्रमण ने रोका पानी का रास्ता
आई एक्सक्लूसिव
-भैरवघाट पंपिंग स्टेशन से गंगा बैराज के बीच डाली जा रही है 1500 एमएम की वाटर लाइन -अतिक्रमण होने की वजह से 160 मीटर लाइन डालने का काम रुका, 6 महीने डिले हुआ प्रोजेक्ट -8 करोड़ रुपए से डाली जानी है 1900 मीटर वाटर लाइन, नहीं होगी गर्मियों में वाटर क्राइसिसKANPUR : शहर के ट्रैफिक के लिए बड़ी बाधा बन चुका अतिक्रमण अब वाटर सप्लाई के रास्ते में भी बाधा बन गया है। भैरवघाट पंपिंग स्टेशन से गंगा बैराज तक 1500 एमएम की वॉटर लाइन डाली जा रही है। इस लाइन के पड़ने से गर्मियों में होने वाली पानी की किल्लत खत्म हो जाएगी। इसके बाद गंगा में बंधा बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन इसके काम के बीच 160 मीटर में अवैध बस्ती ने रास्ता रोकदिया है। अतिक्रमण की वजह से एक महीने से काम रुका हुआ है और प्रोजेक्ट करीब छह महीने डिले हो गया है।
स्थानीय लोगों ने रोका कामजल निगम, बैराज इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर एनके जौहरी के मुताबिक परमिया तक पाइप लाइन डालकर टेस्टिंग भी की जा चुकी है। लेकिन 160 मीटर तक स्थानीय लोगों ने अवैध रूप से अमरूद के पेड़ लगा दिए हैं। अब वह 3,000 रुपए प्रति पेड़ के हिसाब से मुआवजा मांग रहे हैं। इसकी वजह से स्थानीय लोगों ने काम रोक दिया है। वहीं अवैध बस्ती की वजह से भी पाइप लाइन का एलाइनमेंट नहीं हो पा रहा है। लाइन डालने की वजह से 100 से ज्यादा घर जद में आ रहे हैं।
-------------- -------------- वाटर क्राइसिस होगी दूर इस वाटर लाइन के पड़ने के बाद गर्मियों में बंधा बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बंधा बनाने के खर्च में जल निगम को हर साल 1 से 1.50 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इसके बाद जल निगम को यह रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी। वहीं शहर को रोज 200 एमएलडी की वाटर सप्लाई मिल सकेगी। गंगा बैराज में सभी सीजन में पानी की उपलब्धता होती है, ऐसे में वाटर क्राइसिस नहीं होगी। ----------- नहीं होगी पंपिंग की जरूरत लाइन डालने के बाद गंगा बैराज में वाटर सप्लाई के लिए पंप लगाने की जरूरत नहीं होगी। बैराज पर 113 मीटर की गहराई में लाइन डाली जाएगी, इससे पानी खुद ही भैरवघाट पंपिंग स्टेशन तक पहुंच जाएगा। वहीं एग्रीमेंट के मुताबिक गंगा बैराज से 1600 एमएलडी पानी लिया जा सकता है। ------------- लाइन डालने के 2 ऑप्शन1. बस्ती में 4 से 5 मीटर जगह खोद कर लाइन डाल दी जाए, इसमें सिर्फ 40 से 50 मकान तोड़ने पड़ेंगे।
2. जमीन के अंदर ट्रेंचलेस खुदाई कर वाटर लाइन डाल दी जाए, इसमें योजना का खर्च 1 करोड़ रुपए तक बढ़ जाएगा। ------------ ये हाेगा फायदा -गर्मियों में बंधा बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। -गंगा बैराज से पानी मिलने पर साफ पानी मिलेगा। -पानी की किल्लत पूरी तरह से दूर हो जाएगी। ------------ एक नजर में प्रोजेक्ट -8 करोड़ से प्रोजेक्ट पूरा किया जाना है। -1500 एमएम की पाइप लाइन डाली जा रही है। -1900 मीटर लाइन गंगा बैराज से भैरवघाट तक डाली जाएगी। -1 फरवरी से शुरू हुआ वाटर लाइन डालने का कार्य। -3 महीने अतिक्रमण और बारिश की वजह से डिले हुआ प्रोजेक्ट। -200 एमएलएडी वाटर सप्लाई शहर को मिल सकेगी। -1.50 करोड़ रुपए हर साल जल निगम को होगी बचत। ------------- नगर निगम को 2 बार अतिक्रमण हटवाने के लिए लिखा जा चुका है। बावजूद इसके अभी तक नहीं हटाया गया। प्रोजेक्ट लगातार लेट हो रहा है। 31 दिसंबर तक अब कार्य पूरा होने की उम्मीद है। -एनके जौहरी, प्रोजेक्ट मैनेजर, बैराज इकाई, जल निगम। ----------1 जून को जल निगम के साथ बैठक हुई थी। नगर निगम को रिपोर्ट लेकर अतिक्रमण हटाने के लिए कहा था। इसमें क्या रुकावट आ रही है, इसकी रिपोर्ट लेकर आगे जल्द योजना पूरी कराई जाएगी।
-विजय विश्वास पंत, डीएम।