रिपोर्ट लिखाने वाले बेटा ही निकला पिता का हत्यारा
कानपुर (ब्यूरो)। परमट मंदिर में दो दिन पहले सेवादार कन्हैया लाल की गोली मारकर हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका सगा बेटा संदीप ही था। संदीप कश्यप ने फुफेरे भाई उन्नाव निवासी अजय कश्यप के साथ मिलकर पिता की गोली मारकर हत्या की थी। पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए वारदात में इस्तेमाल तमंचे समेत दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
इस तरह से हुआ खुलासापुलिस के मुताबिक हत्या के दिन से ही संदीप संदिग्ध लग रहा था। सीसीटीवी और सर्विलांस की टीम ने भी इसी तरफ इशारा किया। फुफेरे भाई से हत्या के पहले और हत्या के बाद लगातार संपर्क करने की बात सर्विलांस में आ गई। जिसके बाद पुलिस ने जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो संदीप ने तमंचे से गोली मारकर हत्या करने की बात कुबूल कर ली।
ये थी हत्या की वजह
संदीप और उसका परिवार मंदिर परिसर में रहने के बावजूद शराब पीता था और मांस खाता था। जिसका विरोध श्याम बाजपेई और उसका परिवार करता था। इसे लेकर दोनों पक्षों में टशन थी। संदीप पहले भी श्याम बाजपेई के खिलाफ तमाम शिकायतें कर चुका था। दो साल पहले श्याम की बहू की मौत हो गई और वह जेल चला गया। छूटकर आया तो एक बार फिर विवाद शुरू हो गया। वहीं गंगा के पास कॉरीडोर बनने की वजह से जमीन का मुआवजा मिलना था। मुआवजा संदीप को न मिलकर उसके पिता को मिलता, इस वजह से भी संदीप परेशान था।
बॉक्सिंग खिलाड़ी संदीप पहले से ही क्रिमिनल माइंडेड था। वह एक टीचर की हत्या के मामले में पहले भी जेल जा चुका था। श्याम के जेल से छूटने के बाद से संदीप का तनाव बढ़ गया था। उसने उन्नाव निवासी अपने फुफेरे भाई अजय कश्यप के साथ मिलकर प्लान बनाया और उसे भी जमीन के मुआवजे की रकम में हिस्सा देने का वादा किया। ऐसे दिया वारदात को अंजाम
8 जनवरी को संदीप ने प्लान के मुताबिक, अजय को उसके घर हरजिंदर नगर से साथ लिया। मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया। करीब 11.00 बजे काली माता मन्दिर यूनियन बैंक तिराहा पर बाइक खड़ी कर दी। दोनों परमट स्थित घर पहुंचे। रात लगभग 1.40 बजे घटना को अंजाम दिया। इसके बाद गंगा के किनारे होता यूनियन बैंक तिराहे से बाइक उठाकर चले गए। बाद में संदीप ने ही पिता की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।