मलबे में दबा ब्लास्ट का राज, जर्जर बिल्डिंग में जाने को कोई नहीं तैयार
कानपुर (ब्यूरो)। कंघी मोहाल में मंगलवार को हुए धमाके के बाद गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सील बिल्डिंग के अंदर पहुंची। मौके पर मलबा फैला पड़ा हुआ था। धन्नी की लकडिय़ों पर टंगे चीथड़े घटना बयान करते दिखाई दिए। ब्लास्ट कैसे हुआ, इसकी पता महबा हटने पर ही पता चलेगा। लेकिन बिल्डिंग के जर्जर होने की वजह से नगर निगम ने मलबा गिराने और उठाने से इन्कार कर दिया है। प्र्रभारी निरीक्षक बजरिया अजय कुमार सिंह ने बताया किजल्द ही नगर आयुक्त को पत्र लिखकर बिल्डिंग गिराने और मलबा समेटने के लिए कहा जाएगा।
मलबा हटने के बाद जांच
उन्होंने बताया कि मलबा समेटने के बाद दोबारा फॉरेंसिक टीम और केमिकल व एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि गुरुवार सुबह से ही कई टीमें जांच करने आईं और औपचारिकता करने के बाद वापस चली गईं। उधर, इंडियन ऑयल की टीम को जांच में एलपीजी की कोई गंध नहीं मिली है। वहीं, फॉरेंसिक टीम की जांच में धमाका पोटेशियम नाइट्रेट का पाया गया है। इसका यूज माचिस बनाने, यूरिया बनाने और पटाखे बनाने में किया जाता है यानी ये लाइट एक्सप्लोसिव है।
बिल्डिंग के ऊपर कोई नहीं गया
संकरे जीने से जब इस इमारत की पहली मंजिल पर पहुंचते हैैं तो एक बहुत संकरी गली से दूसरी मंजिल पर जाने का रास्ता है। पूरा रास्ता और ऊपर की मंजिल पर जाने वाली सीढिय़ों पर मलबा फैला है, जिसकी वजह से ऊपर जाना न सिर्फ मुश्किल का काम है बल्कि जोखिम भरा भी है। सिक्योरिटी एजेंसीज ने जांच पूरी करके रिपोर्ट भी बना ली और अपने सीनियर ऑफिसर्स को भेज भी दी लेकिन ऊपर की मंजिल तक कोई ये देखने नहीं गया कि आखिर धमाके की वजह क्या है।
100/414 के गिरने के बाद से लगातार इलाके के लोग दहशत में हैैं। दरअसल इस बिल्डिंग का छज्जा लटका हुआ है, सरिया दिखने लगी हैैं। वहीं धमाके की वजह से धन्नी और दीवारें भी पूरी तरह से ध्वस्त दिखाई दीं। तीसरी मंजिल पर जाकर पता चला कि दो परिवारों की पूरी की पूरी गृहस्थी मिट्टïी और मलबे में दब गई है। राखी और चूने से जोड़ी गई ईंट की दीवारें ऊपर की मंजिल पर बनी है। इस बिल्डिंग की अनुमानित कीमत 75 से 80 लाख बताई गई।
लाइट एक्सप्लोसिव से कैसे टूटा दरवाजा
फॉरेंसिक रिपोर्ट और पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक ये धमाका लाइट एक्सप्लोसिव का है लेकिन तस्वीरें बयां कर रही हैैं कि ये धमाका लाइट एक्सप्लोसिव का नहीं है। अगर पटाखे का धमाका है तो छत, दीवार कैसे ढही और दरवाजे कैसे उखड़ गए। वहीं, पड़ोस के कमकानों की खिड़कियां और कब्जे उखडक़र लगभग 200 मीटर तक कैसे पहुंच गईं? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
बजरिया इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि आमिर, गजाला और तूबा की हालत गंभीर बनी हुई है। अभी वे बोलने या बयान देने की हालत में नहीं है। होश में आने पर बयान दर्ज किए जाएंगे, जिसमें ये जानकारी ली जाएगी कि आखिर ये गनपाउडर कहां से आया? इसे किस मकसद से लाया गया था? सीसीटीवी फुटेज भी चेक किए
इस बिल्डिंग के दोनों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैैं, जिनकी फुटेज पुलिस ने चेक कर ली है। धमाके के पहले और बाद में कोई भी बिल्डिंग से निकलता नहीं दिखाई दिया, जिससे ये बात साफ हो गई कि कोई गनपाउडर रखकर तो नहीं गया है।