सामाजिक बुराइयां खत्म करने में विश्वविद्यालयों की भूमिका अहम
कानपुर (ब्यूरो) गवर्नर ने अपने संबोधन में ने कहा कि छात्रों के हित और सामाजिक बुराइयों के लिए कार्य होते रहना चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्र लाभांवित हो सकंे। शाहू जी की भी यही सोच थी कि वे जनकल्याण के लिए अत्यधिक कार्य कर सकें, इसलिए उन्होंने अपने शासन काल के दौरान प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य कर दिया था। उन्होंने सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए कई कठोर कदम उठाए।
10 लाख रुपये ट्रस्ट देगा सहयोग
पूर्व राज्यसभा सदस्य ने छत्रपति शाहू जी महाराज के कार्यकाल के दौरान किये गये अनूठे और कल्याणकारी कार्यों का जिक्र किया और विधवा महिलाओं के बच्चों को शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये अपने ट्रस्ट की तरफ से सहयोग देने की घोषणा भी की। उन्होंने कोल्हापुर की शिवा जी विश्वविद्यालय और कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के बीच एमओयू साइन कर दोनों विश्वविद्यालयों और शहरों को आपस में जोडऩे का प्रस्ताव भी दिया।
रिसर्च स्कालर्स को मिलेगी स्कॉलरशिप
कार्यक्रम की अध्यक्षता वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने की। उन्होंने शाहू जी महाराज पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं को विश्वविद्यालय की तरफ से 10,000 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करने की घोषणा की।
सोशल साइंसेज विभाग द्वारा जातिवाद, क्षेत्रवाद तथा धर्मवाद पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। संचालन डॉ। मानस उपाध्याय ने किया। रजिस्ट्रार डॉ। अनिल कुमार यादव, प्रतिकुलपति प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी प्रो। सुधांशु पाण्डिया, आयुर्वेदाचार्या डॉ। वंदना पाठक आदि उपस्थित रहे।