35 परसेंट टीचर्स के सहारे पॉलिटेक्निक की बागडोर
एआइसीटीई की टीम को निरीक्षण में मिलीं खामियां, नोटिस थमाया
- कई संस्थानों में प्रिंसिपल के योग्यता पर उठाए सवाल, मूलभूत सुविधाओं की कमी मिली KANPUR: पॉलिटेक्निक की बागडोर 35 परसेंट टीचर्स के सहारे चल रही है। इस बात का खुलासा मूल्यांकन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के निरीक्षण में हुआ है। नए सेशन से पहले कराए गए निरीक्षण में कई संस्थान ऐसे मिले हैं जहां प्रिंसिपल के योग्यता पर एआईसीटी की टीम ने सवाल उठाए हैं। लैब वर्कशॉप संग संसाधनाें की कमी कई संस्थानों में लैब, वर्कशॉप, कंप्यूटर, कैंटीन, हास्टल, लाइब्रेरी समेत अन्य संसाधनों की कमी है। स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई के साथ ही अन्य सुविधाएं ना काफी हैं। जिसके जवाब के लिए प्राविधिक शिक्षा निदेशालय को नोटिस भेजा है। सीटें की जा सकती है कमशिक्षकों और छात्रों की संख्या का रेशियो कम होने से डिप्लोमा की सीटें कम की जा सकती हैं। एआइसीटीई के मूल्यांकन में ¨प्रसिपल की संख्या पर्याप्त मिली है, जबकि लेक्चरार की संख्या बेहद कम है। केवल 35 फीसद स्थाई लेक्चरार पढ़ाई करार रहे हैं। बाकी के लिए गेस्ट फैकल्टी से काम चलाया जा रहा है। एचओडी की संख्या भी कम है।
लाइब्रेरी में किताबें नहींएआईसीटीई के वैल्यूशन में स्टूडेंट्स के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी है। कहीं लाइब्रेरी है तो उसमें किताबें नहीं हैं। स्टूडेंट्स की संख्या के मुताबिक कंप्यूटर नहीं हैं। हॉस्टल में कमरों का संकट है। वर्कशॉप में अत्याधुनिक उपकरण नहीं हैं। पुराने और खस्ताहाल खराब हैं।
कई पालीटेक्निक में ¨प्रसिपल अयोग्य रिपोर्ट में कई संस्थानों के ¨प्रसिपल को अयोग्य बताया गया है। एआईसीटीई के मानक के मुताबिक ¨प्रसिपल को पीएचडी होना चाहिए, जबकि संस्थानों में बिना पीएचडी के भी ¨प्रसिपल काबिज हैं। उनको प्रोन्नत किया गया था। एआईसीटीई के मूल्यांकन में मिली खामियों को जल्द दूर किया जाएगा। ¨प्रसिपल और अन्य अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। छात्रों की पढ़ाई और पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट के लिए सभी सुविधाएं रहेंगी। - मनोज कुमार, डायरेक्टर, प्राविधिक शिक्षा निदेशालय