सवेरा योजना फेल, अकेले रह रहे लोगों का पुलिस नहीं रख रही ख्याल
कानपुर (ब्यूरो) गोविंद नगर स्थित प्रभु अनुभव अपार्टमेेंट के एक फ्लैट में 40 साल की दीपा वाधवानी रहती थीं। दीपा के पति की मौैत हो चुकी है हालांकि उनका तलाक का मुकदमा चल रहा था। पड़ोसियों ने बताया कि कुछ दिन तक तो फ्लैट में उनके साथ उनके भाई जयप्रकाश रहते थे लेकिन दीपा की हरकतों से परेशान होकर सभी अलग रहने लगे थे। कुछ महीनों से दीपा की मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। वे फ्लैट से भी कम निकलती थीं। सोमवार सुबह पड़ोसियों ने फ्लैट से बदबू आने की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद टीम वहां पहुंची और शव कब्जे में लिया। गोविंद नगर इंस्पेक्टर रोहित तिवारी ने बताया कि महिला मानसिक अवसाद में थीं। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
पहले भी घरों के अंदर मिल चुके हैैं शव
कोतवाली इलाके में कुछ महीने पहले ही पश्चिम बंगाल निवासी महिला का शव मिला था। शव मिलने की जानकारी छह दिन बाद हुई थी। इसी तरह श्याम नगर में बंद फ्लैट में सीनियर सिटीजन का शव मिला था। गोविंद नगर में अकेली वृद्धा को बंधक बनाकर डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया था। इसके अलावा भी शहर में आधा दर्जन से ज्यादा मामले हैैं जिनमें मौत के बाद कई दिन बाद तक शव घर में मौजूद रहे।
सीनियर सिटीजन की सिक्योरिटी के लिए यूपी सरकार ने सवेरा योजना शुरू की थी, जिसके अंतर्गत परिवार से अलग रहने वाले सीनियर सिटीजंस की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी पुलिस पर थी। कमिश्नरेट के पहले से लेकर अब तक व्यवस्था ऐसी ही चल रही है। जब भी किसी सीनियर सिटीजन की डेडबॉडी मिलती है तो पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी दिखाते हुए आगे आते हैैं और कुछ दिन बाद फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। ये होनी चाहिए व्यवस्थाएं
- अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजंस को रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए।
- रजिस्ट्रेशन के बाद बीट पुलिस कर्मी घर जाकर लगातार जानकारी लेंगे।
- जरूरत पडऩे पर सीनियर सिटीजन की हेल्प के लिए भी आगे आएंगे।
- दवा, खाना और दूसरी जरूरतेें पडऩे पर पुलिस कर्मी सहयोग करेंगे।
- दूर रह रहे परिजनों को लगातार सीनियर सिटीजंस की जानकारी देंगे।
- 15 दिन में इंस्पेक्टर और 30 दिन में सीओ इनसे जानकारी लेंगे।
- हर छमाही इनकी जानकारी शासन को सौंपने के निर्देश हैैं।