दिल्ली में युवती को कार से 12 किलोमीटर घसीटे जाने का घटना को अब तक लोग भूले नहीं है. सैटरडे को सिटी में भी दिल्ली की तरह ही ह्रïदयविदारक घटना हुई. जीटी रोड पर टक्कर के बाद स्कूटी सवार रिटायर एयरफोर्स कर्मी को लोडर चालक काफी दूर तक सड़क पर घसीटता रहा. लोग जब चिल्लाए तो लोडर चालक लोडर रोक कर भाग गया लेकिन तब रिटायर एयरफोर्स कर्मी की मौत हो गई थी.

कानपुर (ब्यूरो) जाजमऊ डिफेंस कालोनी निवासी सुशील कुमार सिंह (78) एयरमैन के पद से वीआरएस ले लिया था। इसके बाद ट्रांसपोर्ट नगर में चंदन मोटर्स के नाम स्पेयर पार्ट्स की दुकान खोल ली थी। उनके छोटे भाई श्याम नगर निवासी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सैटरडे सुबह भाई स्कूटी से अपनी दुकान जा रहे थे। अभी वह जीटी रोड रेल बाजार के पास पहुंचे थे कि पीछे से आ रहे तेज रफ्तार लोडर ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर के बाद चालक लोडर भगाने लगा। इस बीच लोडर के पीछे जंजीर का कुंडा भाई की बेल्ट में फंस गया।

हेलमेट भी सिर से निकल गया
भगाने के चक्कर चालक ने लोडर भी नहीं रोका और भाई को घसीटता चला गया। इस दौरान हेलमेट भी सिर से निकल गया। कान से खून बहने लगा। सड़क पर गुजर रहे लोगों ने यह देख शोर मचाया तो चालक लोडर छोड़ कर भाग खड़ा हुआ। इस बीच वहां पहुंचे पीआरवी जवान ने घायल हालत में उन्हें सड़क से उठा कर एक तखत पर लिटा दिया। फोन कर घटना की जानकारी उनकी पत्नी मालती देवी को दी। आनन-फानन वह पड़ोसी इश्तियाक के साथ कार से मौके पर पहुंची और अस्पताल ले गई लेकिन डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेडइंजरी से मौत की पुष्टि हुई है। पुलिस ने देर शाम लोडर चालक को हिरासत में ले लिया है।

अगर अस्पताल पहुंचा देते
हादसे के बाद अगर पब्लिक और पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो शायद रिटायर एयरफोर्सकर्मी की जान बच जाती। दरअसल जीटी रोड रेलबाजार से टाटमिल चौराहा के रास्ते पर मौजूद लोगों व सड़क से गुजर रहे लोगों ने यह रोंगटे खड़े कर देनी वाली घटना देखी। लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को तो दे दी, लेकिन लहूलुहान रिटायर एयरफोर्स कर्मी को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं समझी। पुलिस के आने का इंतजार करती रही। इस बीच मोबाइल से फोटो जरूर लेते रहे। काफी देर बाद आए पुलिसकर्मियों ने घायल रिटायर एयरफोर्स कर्मी को सड़क से उठाकर सड़क किनारे तखत पर लिटा दिया, फिर उनके फैमिली मेंबर्स का इंतजार करती रही। मृतक के बेटे पुष्पराज सिंह ने कहा कि अगर घटना के बाद तुरन्त पिता को अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता तो जान बच सकती थी। लेकिन पुलिस सूचना देने के बाद घर वालों के आने का इंतजार करती रही।

Posted By: Inextlive