गैंगस्टर से बुलेट खरीदने के आरोप में पुलिस कमिश्नर विजय ङ्क्षसह मीना के पीआरओ अजय मिश्रा को बुधवार लाइन हाजिर कर दिया गया. अजय मिश्रा का गोरखपुर तबादला भी हो गया है. जैसे ही उन्होंने पुलिस लाइन में आमद कराई उन्हें रिलीव कर दिया गया. पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी को जांच दी है. उनसे 4 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है.

कानपुर (ब्यूरो) पुलिस कमिश्नर के पीआरओ अजय मिश्रा इस समय यूपी 78 एफजे 9533 नंबर की बुलेट से चल रहे हैं। ये गाड़ी उन्होंने अपने बेटे उत्कर्ष के नाम पर खरीदी थी। आरोप है कि उक्त बुलेट पहले पहले गैंगस्टर बलराम राजपूत की पत्नी सोनी राजपूत के नाम पर थी। बलराम राजपूत पर मादक पदार्थों की तस्करी, हत्या के प्रयास, लूट, अपहरण और डकैती जैसे गंभीर आरोपों में 16 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं। इसके अलावा हरियाणा के सिरसा में भी उसके खिलाफ चार केस दर्ज हैं।

जेल में बने थे बलराम से संबंध
आरोप है कि अजय मिश्रा सर्वोदय नगर चौकी प्रभारी होते हुए एक छात्रा की खुदकुशी मामले में जब जेल गए थे तो उनके संबंध बलराम राजपूत से हो गए थे। बाद में बलराम राजपूत को किसी प्रकार की राहत देने के बदले उन्होंने बाइक उससे अपने नाम करा ली। इन आरोपों को लेकर जब अजय मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह बुलेट उन्होंने एक ब्रोकर के माध्यम से खरीदी थी। उन्हें ये जानकारी नहीं थी कि यह बुलेट किसी गैंगस्टर की है। उन्होंने 90 हजार रुपये में बुलेट खरीदी थी, जिसके लिए 50 हजार रुपये का भुगतान चेक से किया और बाकी 40 हजार रुपये उन्होंने बलराम राजपूत को नगद दिए थे।

नहीं जानते हैैं बलराम को
अजय मिश्रा के मुताबिक वह बलराम राजपूत को नहीं जानते हैं। पुलिस आयुक्त विजय ङ्क्षसह मीना ने बताया कि पीआरओ अजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे, इसलिए उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया है। चूंकि उनका गोरखपुर पहले से तबादला हो रखा था, इसलिए रिलीव कर दिया गया। प्रकरण की जांच संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी करेंगे।

Posted By: Inextlive