एक साल में जीरो से 10 लाख पहुंचा टेस्टिंग का ग्राफ
- कोरोना कॉल की शुरुआत के एक महीने से कम वक्त में कानपुर में शुरू हो गई थी कोरोना जांच
-13 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में शुरू हुई थी सिटी की पहली कोविड लैब, अब शहर में 6 से ज्यादा लैब्KANPUR: कानपुर में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगे एक साल पूरा हो रहा है। इस एक साल में कोरोना पैनडेमिक की वजह से हजारों लोग संक्रमित हुए। सैकड़ों की जान गई और हजारों लोगों ने इसे हराया भी। इस एक साल में कोरोना वायरस से लड़ाई में सबसे अहम चीज जिसमें कानपुर आत्मनिर्भर बना वो है कोरोना वायरस के खिलाफ टेस्टिंग की क्षमता विकसित करना। बीते साल 12 अप्रैल तक कानपुर में इस वायरस की जांच की सुविधा ही नहीं थी। सैंपल लखनऊ में केजीएमयू और एसजीपीजीआई की लैब भेजे जाते थे, लेकिन 13 अप्रैल को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में शहर की पहली कोविड लैब शुरू हो गई।
एंटीजेन किट ने किया काम आसानएक आरटीपीसीआर मशीन से शुरुआत के बाद अब यहां 3 मशीनें हैं। इसके अलावा वायरस की पहचान के लिए कई और जांचों को भी मान्यता मिली जिसके बाद अब तक शहर में आधा दर्जन जगहों पर इसकी जांच की सुविधा है। इसके अलावा एंटीजेन किट के आने से वायरस की पहचान और भी आसान हो गई। अब तक शहर में 9.83 लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। जिसमें ओवरऑल रेट ऑफ पॉजिटिविटी 3 तीन फीसदी से ज्यादा है।
- 13 अप्रैल 2020 में 24 मार्च 2021 तक कुल जांचें- 9.83 लाख आरटीपीसीआर जांच- 5.62 लाख एंटीजेन रैपिड कार्ड जांच- 3.88 लाख ट्रूनॉट,सीबी नॉट जांच- 33 हजार रेट ऑफ पॉजिटिविटी- किन महीनों में सबसे ज्यादा औसत जांचे - अगस्त- 4200 हजार जांचे प्रतिदिन - सितंबर- 4600 जांचे प्रतिदिन - अक्टूबर- 3900 जांचे प्रतिदिन - नवंबर - 3700 जांचे प्रतिदिन इस साल 1 जनवरी से 24 मार्च तक मिले कुल संक्रमित- 948 ओवरआल सैंपल्स का रेट ऑफ पॉजिटिविटी- 3.30 परसेंट कितनी लैबों में कोरोना जांच आरटीपीसीआर जांच- 3 लैबब(2 प्राइवेट एक सरकारी) ट्रू नॉट जांच- 5 लैबब(2 प्राइवेट,3 सरकारी ) सीबी नॉट जांच- एक लैबब(प्राइवेट) रैपिड कार्ड टेस्टिंग- हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से।