वन विभाग सोता रहा, तेंदुआ घूमता रहा
कानपुर (ब्यूरो) एसडी कॉलेज कैम्पस के सीसीटीवी कैमरे और वन विभाग के नाइट विजन कैमरे में भी तेंदुए की मूवमेंट कैद हुई है। जिसके बाद अब साफ हो गया है कि तेंदुआ कहीं गया नहीं है। बल्कि वह कैंपस में ही है। वहीं तेंदुए के खतरे को देखते हुए एसडी कॉलेज कैंपस से लगे एक स्कूल को बंद कर दिया गया है। वहीं दूसरे स्कूल के छात्रावास में रहने वाले बच्चों को एसडी कॉलेज की साइड से हटा कर दूसरी तरफ शिफ्ट किया जा रहा है। साथ ही प्राइमरी सेक्शन के बच्चों को ऑनलाइन ही क्लासेस कराई जा रही हैं।
रात 2.15 व 2.45 बजे
कानपुर जू के पशु चिकित्सक और तेंदुआ पकडऩे के अभियान को लीड कर रहे डॉ.नासिर ने जानकारी दी कि एसडी कॉलेज के पीछे स्थित जगह में तेंदुए के काफी समय से होने की संभावना है। जिसका पता अब चला है। तेंदुए के कैंपस में ही पानी की टंकी में भी काफी देर तक ठहरने की जानकारी मिली है। ट्रैप के लिए लगाए गए एक कैमरे में तेंदुआ रात 2.15 बजे कैद हुआ है। जबकि कॉलेज के सीसीटीवी कैमरे पर उसकी मूवमेंट 2.45 बजे के करीब की है। जिसमें वह एसडी कॉलेज के पीछे बने जंगल से निकल कर दीन दयाल स्कूल की दीवार की तरफ जाते दिख रहा है।
पशु चिकित्सक डॉ.नासिर ने बताया कि पहले संभावना थी कि तेंदुआ भटक कर यहां आ गया है और अपने आप वापस चला जाएगा, लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा है। इसलिए अब तेंदुए को पकड़ा जाएगा। इसके लिए रात के वक्त एसडी कॉलेज कैंपस में और मोतीलाल खेडिय़ा स्कूल के पीछे लगे नाले के पास ट्रंकुलाइजर गन के साथ दो टीमों को बैठाया जाएगा। जोकि रात के वक्त तेंदुए को पकडऩे के लिए उस पर ट्रंकुलाइजर गन से निशाना साधेंगी। गंगा बैराज के पास भी तेंदुए को लेकर सूचना मिली थी। जब वहां जू डायरेक्टर की टीम पहुंची और वहां मिले स्टूल का निरीक्षण किया तो पता चला कि वह किसी बीमार कुत्ते का है। वहां लगे नाइट विजन कैमरों में भी कुछ नहीं मिला है।
दो साल का है तेंदुआ
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एसडी कॉलेज में लगे एक नाइट विजन कैमरे में तेंदुए की जो इमेज कैप्चर हुई है। उससे पता चलता है कि यह नर तेंदुआ है जिसकी उम्र करीब 2 साल है। इसका वजन 50 से 60 किलो के बीच हो सकता है। उसे पकडऩे के लिए कैंपस में कई जगह पर मादा तेंदुए की यूरिन का छिड़काव फिर से किया जाएगा। तेंदुआ कभी ठहरा हुआ पानी नहीं पीता। वह हमेशा ताजा पानी पीता है। इसलिए ताजे पानी के सोर्स पानी की टंकी, इन सब जगहों पर भी अब नजर रखी जाएगी।