50 धंटे से धधक रही आग...
कानपुर (ब्यूरो) शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने पीडि़त व्यापारियों से बात की। इसके बाद सरकार से पीडि़त कारोबारियों की हर संभव मदद करने की मांग की है। शाम पांच बजे डीजी फायर अविनाश चंद्र घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
अर्जन टावर के पिछले हिस्से से
बांसमंडी चौराहा से सटे पांच रेडीमेड गारमेंट कांप्लेक्स अर्जन टावर, एआर कांप्लेक्स, मसूद कांप्लेक्स, हमराज कांप्लेक्स और नफीस टावर में गुरुवार रात करीब डेढ़ बजे शार्ट-सर्किट से आग लग गई थी। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की आसपास से 65 से ज्यादा दमकल गाडिय़ां, तीन हाइड्रोलिक प्लेटफार्म से आग पर काबू पाए जाने की कोशिश की गई, लेकिन आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका। जिससे शनिवार दोपहर लगभग दो बजे अर्जन टावर के पिछले हिस्से की दूसरी मंजिल पर आग फिर से धधक उठी। सूचना पर अफसरों ने दस से ज्यादा दमकल गाडिय़ों को एक ही प्वाइंट पर लगाया तो आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन अभी भी बिल्डिंग के कई हिस्सों में आग सुलग रही है।
पूरा आसमान धुएं से भरा
दोपहर ढाई बजे बजे नफीस टावर की पहली मंजिल से तेज धुआं निकला और देखते ही देखते यहां आग ने विकराल रूप ले लिया। सूचना पर पुलिस कमिश्नर, डीएम, नगर आयुक्त समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पूरा आसमान काले धुएं से भर गया। भीषण आग लगने के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और फायर कर्मियों के साथ मिलकर बिल्डिंग के अंदर सर्च ऑपरेशन चलाया। आग बुझाने के लिए एक प्रयागराज से हाईड्रोलिक फायर सिस्टम को भी मंगाया गया। आग की वजह से नफीस टावर की दूसरी मंजिल पर स्थित स्टेट बैंक की ब्रांच पर भी खतरा मंडराने लगा। देर शाम अर्जन टावर में एक बार और आग ने तेजी पकड़ी, जिसे समय रहते बुझा दिया गया।
गायब पान वाले की मिली डेडबॉडी
पहले दिन से लापता पान दुकानदार ज्ञानचंद्र साहू का शव एआर टावर की तीसरी मंजिल पर जला हुआ मिला। मूलरूप से बिधनू के शंभुआ के खड़ेसर, भर्तीपुर गांव निवासी ज्ञान चंद्र साहू एआर टावर के बाहर बीस साल से पान की दुकान चला रहे थे। बड़े बेटे अजय कुमार ने बताया था कि पिता एआर टावर में ही ऊपर सोते थे, गरुवार रात बूंदाबांदी के चलते वह छत से नीचे उतर आए थे। तब से उनका कोई पता नहीं था। शनिवार की सुबह एआर टावर की आग कुछ नियंत्रित हुई तो दमकल कर्मियों ने अंदर जाने की हिम्मत दिखाई। अंदर तीसरी मंजिल पर ज्ञान चंद्र का शव पड़ा था। आग की चपेट में आने की वजह से शव बुरी तरह से जल गया है। हालांकि शव की पुष्टि के लिए पुलिस मामले में डीएनए जांच की भी तैयारी कर रही है।
सुपर हमराज और नफीस टावर में आग के चलते टावर के ग्राउंड फ्लोर और ऊपरी हिस्से की छतें लटक गई हैं। वहीं हेमराज और एआर टावर के बीमों तक में दरारें पड़ गई हैं। इनके बैक साइड की बिल्डिंग भी आग की वजह से पूरी तरह डैमेज हो गई है। बिल्डिंग गिरने का लगातार खतरा मंडरा रहा है। कभी भी यह बिल्डिंग गिर सकती है। नफीस टॉवर में आग भडक़ी तो जेसीबी मौके बुलाई गई। बिल्डिंग के अगले हिस्से को तोडक़र आग बुझाई गई, लेकिन देर रात आग सुगलती रही। वहीं, आग के चपेट में आए तीन मकानों के खिडक़ी को तोडक़र आग बुझाने का प्रयास किया गया।
- 1600 से ज्यादा आग की चपेट में आई दुकानें
- 03 मकान भी आए आग की चपेट में
- 01 लोग की आग की वजह से जलकर हुई मौत
- 500 से ज्यादा पुलिस और फायर कर्मियों की ड्यूटी
- 500 मीटर तक चारों तरफ की रोड सील
- 65 फायर ब्रिगेड से ज्यादा आग बुझाने में लगी
- 8 जिलों से मंगानी पड़ी फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां
- 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा नुकसान का अनुमान