दादा नगर नए ब्रिज के धंसने से एकबार फिर पुलों के मेंटीनेंस को लेकर हो रही लापरवाही सामने आ गई है. इससे पहले खपरा मोहाल ब्रिज भी धंस गया था जो अब तक ठीक नहीं हो सका है. शुक्लागंज पुराना गंगा ब्रिज के कोठियों में दरार होने के कारण अब भी बन्द है. मेंटीनेंस में लापरवाही के कारण अन्य ब्रिज भी जर्जर होते जा रहे हैं. अगर जिम्मेदार ऑफिसर्स ने ध्यान नहीं दिया तो इनकी वजह से कभी भी हादसा हो सकता है.

कानपुर (ब्यूरो) घंटाघर पुल पर रेलवे ट्रैक के ठीक ऊपर सड़क पर लगभग छह इंच गहरी और 7 फिट लंबी दरार जैसी हो गई है। जिसको देखते साफ दिखाई दे रहा है कि यहां पर कभी भी सड़क धंस सकती है। यह हालात एक दो दिन से नहीं बल्कि कई सप्ताह से हंै। इसके बावजूद इस पुल का मेंटीनेंस नहीं किय जा रहा।

खपरा मोहाल पुल ठीक न हुआ
खपरा मोहाल पुल लगभग सात वर्ष पहले बना था। इसकी हालत तो वर्षों पहले बने पुलों से भी अधिक खराब है। खपरा मोहाल पुल का एक बड़ा हिस्सा लगभग दो साल पहले बरसात में धंस गया था। इसका मेंटीनेंस करने के बजाए इसमें बालू भरकर बैरीकेडिंग लगा दी गई। पुल धंसने से पुल का निर्माण करने वाली कंपनी पर भी सवालिया निशान उठे थे। करोड़ों की लागत से बना यह पुल तीन साल भी नहीं चल सका।

सड़क बनाई, होल पर ध्यान नहीं
टीपी नगर स्थित पुराना नया पुल की सड़क तो दुरुस्त है। जिसका मेंटीनेंस कुछ माह पूर्व ही किया गया है। इसके बावजूद पुल के रेलवे ट्रैक के ऊपर वाले भाग में सड़क के किनारे तीन से चार बड़े होल हंै। इससे साफ हो जाता है कि पुल का मेंटीनेंस करने वाला डिपार्टमेंट कितनी गंभीरता से काम कर रहे हैं। इसके अलावा पुल के ढाल में टीपी नगर की तरफ एक बड़े भाग में सड़क उबड़ खाबड़ है। जिसकी वजह से यहां पर बाइक के अनियंत्रित होने का सबसे अधिक खतरा बना रहता है।

मेंटीनेंस के नाम पर खानापूरी
झकरकटी पुराने पुल का हाल ही में पीडब्ल्यूडी एनएच डिपार्टमेंट ने मेंटीनेंस किया है। जिसकी वजह से वर्तमान में इसकी हालत अन्य पुल की अपेक्षा काफी सही है। पुल का मेंटीनेंस करने के दौरान एनएच पीडब्ल्यूडी ने सड़क तो चकाचक कर दी लेकिन पुल के फुटपाथ में कई स्थानों पर बड़े- बड़े गड्ढे हंै। जो सालों से जस के तस हंै। यह छोटे-छोटे गड्ढे बड़ी घटना का कारण बन जाते हैं।

डिपार्टमेंट के अंडर में आने वाले पुलों का समय-समय पर निरीक्षण कर उनका मेंटीनेंस कराया जाता है। तीन साल पहले ही घंटाघर पुल का मेंटीनेंस किया गया था.गड्ढों की समस्या है तो उसको दिखवाकर मरम्मत कराई जाएगी।
केएन ओझा, प्रोजेक्ट मैनेजर, सेतु निगम

Posted By: Inextlive