एग्जाम टालने का फैसला सही
- यूपी बोर्ड के एग्जाम 8 मई से होने थे शुरू, कोरोना के बढ़ते आउटब्रेक की वजह से टाले गए एग्जाम
नंबर गेम - 45 लाख से अधिक कैंडिडेट यूपी बोर्ड के एग्जाम में शामिल होते हैं - 20 मई के बाद पता चलेगा एग्जाम कंडक्ट कराएं जाएंगे या नहीं KANPUR: कोरोना तेजी से हावी हो रहा है। कानपुर समेत देश भर में कोराना के पेशेंट बढ़े हैं। एजुकेशन सेक्टर पर भी इसका असर साफ दिख रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते आउटब्रेक की वजह से सीबीएसई के बाद अब यूपी बोर्ड के एग्जाम टाल दिए गए हैं। यह एग्जाम 8 मई से शुरू हो रहे थे। मई में होगा फैसलाख्0 मई के बाद एग्जाम कराए जाएं या नहीं इस पर डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा, माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ बैठक करेंगे और एग्जाम को लेकर फैसला लेंगे। दरअसल प्रदेश में दिनोंदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। वहीं यूपी बोर्ड के एग्जाम में ब्भ् लाख से अधिक कैंडिडेट शामिल होते हैं।
कंडीशन देखकर लें फैसलास्टूडेंट्स के अलावा टीचर्स और कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगती है। ऐसे में आठ मई से परीक्षाएं कराना, जब सरकार को उचित नहीं लगा तो एग्जाम टालने का फैसला किया गया। हालांकि इस फैसले को लेकर छात्रों का कहना है, कि मौजूदा स्थितियों को देख फैसला सही है, मगर स्थितियां ठीक होने पर क्ख्वीं क्लास के एग्जाम जरूर कराए जाने चाहिए।
एग्जाम की तैयारी पूरी है। हालांकि अभी जिस तरह से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए परीक्षाएं टालने का निर्णय सही है। वैभव शुक्ला, क्लास-क्0 सरकार के फैसले से पूरी तरह सहमत हूं। हालांकि ख्0 मई के बाद एग्जाम कराने पर विचार जरूर कराया जाना चाहिए। क्0वीं क्लास के एग्जाम भले न हों, पर क्ख्वीं क्लास के एग्जाम होने चाहिए। पूनम यादव, मदर अगर एग्जाम कराने हैं, तो देरी नहीं करनी चाहिए। अगर नहीं करानी हैं तो रद्द करने का फैसला कर देना चाहिए। पार्थ यादव, क्लास-क्0 इस समय एग्जाम न कराना, सरकार का सटीक फैसला है। पहले स्थितियां सामान्य हों, तब एग्जाम के विषय में विचार किया जाना चाहिए। डॉ.अन्वेष सिंह, प्रिंसिपल, चाचा नेहरू इंटर कॉलेज सरकार चाहे तो ऑनलाइन परीक्षा कराने पर भी विचार कर सकती है। क्योंकि जिस तरह के हालात हैं, उन्हें देखते हुए लाखों परीक्षार्थियों की परीक्षा कराना आसान नहीं होगा। डॉ.अंगद सिंह, संरक्षक, ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज समूह