दवा का बजट हो गया 'हवाÓ
कानपुर (ब्यूरो) एलएलआर अस्पताल में फाइनेंसियल इयर 2021-22 के लिए शासन ने औषधि एवं रसायन मद में 14.52 करोड़ रुपए का बजट दिया था। पिछले साल अप्रैल, मई महीने में ही ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा खपत हो गई थी। इस दौरान एक एक महीने में एलएमओ से जरिए की गई ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान अस्पताल की ओर से किया गया। सेकेंड वेव के बाद अस्पताल में ऑक्सीजन की डिमांड तो घटी, लेकिन इसके बाद भी हर महीने लिक्विड ऑक्सीजन के लिए 40 लाख रुपए के आसपास औसतन पेमेंट किया गया। ऐसे में औषधि एवं रसायन मद से 5 करोड़ से ज्यादा का भुगतान तो सिर्फ ऑक्सीजन के लिए हो गया। इसके अलावा पैथोलॉजी जांचों के लिए एक करोड़ रुपए कीमत से ज्यादा का रीजेंट भी सप्लाई हुआ और 50 लाख रुपए के करीब एक्सरे फिल्मों की खरीद के लिए भुगतान अस्पताल प्रशासन की ओर से किया गया।
मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ती
एलएलआर अस्पताल में पिछले फाइनेंसियल इयर में दवाओं की मद में बजट कम हुआ। हालांकि इस दौरान शासन से भी कोरोना से संबंधित काफी दवाएं फ्री भेजी गई, लेकिन अस्पताल में अन्य बीमारियों के मरीजों के लिए एंटीबॉयोटिक, इंजेक्शन, ओरल दवाएं, आईसीयू और ओपीडी में दी जाने वाली दवाओं के लिए बजट कम हो गया। मौजूदा समय में प्रतिदिन का हैलट अस्पताल का दवा का बजट महज डेढ़ लाख रुपए है। जबकि रोज ढाई से तीन हजार मरीज ओपीडी में आते हैं और दो सौ के करीब मरीज रोज एडमिट भी किए जाते हैं। ऐसे में पर्याप्त दवाएं नहीं मिलने से मरीजों को बाहर से महंगे रेट पर दवाएं खरीदनी पड़ती हैं।
59.03 करोड़ रुपए- कुल बजट एलएलआर अस्पताल का पिछले फाइनेंसियल इयर में
1.50 लाख रुपए- प्रतिदिन मरीजों की दवा पर खर्च होता है कितने ऑक्सीजन प्लांट लगे-
3- लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट
4- ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट
1- 20 हजार लीटर क्षमता का नया एलएमओ सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में हो रहा स्थापित औषधि एवं रसायन मद से किन किन चीजों की खरीददारी-
ओरल और इंजेक्टेबल दवाएं, स्लाइन, पैथोलॉजी जांचों के लिए रीजेंट, डिजिटल एक्सरे के लिए एक्सरे फिल्में।
ऑक्सीजन का खर्च बढ़ा है। इसका भुगतान औषधि एवं रसायन मद से किया जाता है। ऑक्सीजन के खर्च के लिए शासन से अलग से बजट की मांग की है।
-प्रो। आरके मौर्या, एसआईसी,एलएलआर अस्पताल