इमरजेंसी की स्थिति में किसी को अगर ट्रेन से जाना हो तो रेलवे ने तत्काल बुकिंग सिस्टम बनाया हुआ है. तत्काल विंडो में ट्रेन डिपार्चर से 24 घंटे पहले ही टिकट बुक होता है. लेकिन विंडो खुलते ही टिकटें गायब हो जाती हैं और लोग मायूस होकर लौट आते हैं. क्योंकि तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम में भी दलालों ने सेंधमारी कर दी है. कई तरह के सॉफ्टवेयर का यूज कर एक साथ तत्काल कोटे की कई टिकट बुक कर लेते हैं. कानपुर में हाल ही में आरपीएफ की इंटेलीजेंस टीम ने ऐसे ही एक दलाल को पकड़ा है सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक नहीं दो नहीं बल्कि पांच से छह तत्काल टिकटों की एक साथ बुकिंग कर जरूरतमंदों को मनचाहे दामों में बेच देता था.

कानपुर (ब्यूरो) कानपुर में इस तरह का पहला केस पकड़े जाने पर प्रयागराज डिवीजन की आरपीएफ की साइबर सेल की टीम एक्टिव हो गई है। टीम को कई सबूत मिले है कि कानपुर में अभी कई और खिलाड़ी हैं जो प्रतिबंधित साफ्टवेयर के जरिए तत्काल टिकट की बुकिंग कर रहे हैं। प्रयागराज डिवीजन के आरपीएफ कमांडेंट विजय पंडित ने बताया कि कानपुर में हाल ही में सॉफ्टवेयर का यूज करने वाला टिकट दलाल पहली बार पकड़ा गया है। वह &नेक्सस एडवांस&य नाम का प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर यूज कर एक बार में पांच से छह टिकटों की बुकिंग करता था। इसके पहले बीते दिनों कौशाम्बी में नेक्सस सॉफ्टवेयर का यूज करने वाले को पकड़ा गया था। हाल ही में एक सॉफ्टवेयर &तेज तत्काल&य नाम का यूजर सक्रिय हुआ है। जिन्हें पकडऩे पर काम किया जा रहा है।

ऑनलाइन होती है खरीददारी
आरपीएफ कमांडेंट ने बताया कि इस तरह के प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की खरीददारी ऑनलाइन होती है। इन आईडी को ट्रेस करने पर अक्सर पता गलत मिलता है। लिहाजा जो साफ्टवेयर पकड़े जाते हंै, उनको साइबर सेल की मदद से ब्लॉक करने के साथ साइबर पेट्रोलिंग कर उसके नए सोर्सेस की तलाश की जाती है। उन्होंने बताया कि एक आईडी ब्लॉक होने पर सॉफ्टवेयर हैंडलर अपने सॉफ्टवेयर का नाम बदल लेता है।

कैसे करता काम
कमांडेंट विजय पंडित ने बताया कि ट्रैवेल्स एजेंसी संचालक व अन्य कैफे संचालक अधिक पैसा कमाने के चक्कर में पैसा देकर ऑनलाइन सॉफ्टवेयर खरीदते हंै। सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह तत्काल टिकट वेबसाइट खुलने से पहले पांच से छह टिकटों की डिटेल भर कर रखते हैं। जबकि नार्मल आईडी में सिर्फ एक विंडो की खुलती है। जिसमें एक ही टिकट की डिटेल भर सकते हैं। साफ्टवेयर टिकट बुकिंग के दौरान आने वाले ओटीपी व कैप्चा को भी बाईपास कर देता है। जिससे एक मिनट में ही एक साथ पांच से छह तत्काल टिकट की बुकिंग हो जाती है। ऐसे सॉफ्टवेयर का यूज करना प्रतिबंधित है।

आंकड़े
- 2 टिकट दलाल जनवरी में पकड़े गए
- 1 टिकट दलाल फरवरी में पकड़ा गया
- 1 टिकट दलाल मार्च में पकड़ा गया
- 6 दलाल प्रयागराज डिवीजन में हर महीने पकड़े

पकड़े गए प्रतिबंधित साफ्टवेयर
- तत्काल साफ्टवेयर एन बुकिंग
- नेक्सस
- नेक्सस एडवांस
- तेज तत्काल
- रेड मिर्ची
- तत्काल मिर्ची

कोट
कानपुर में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर का यूज कर तत्काल टिकटों में सेंधमारी करने वाला पहला केस पकड़ा गया है। कानपुर में अभी ऐसे सॉफ्टवेयर का यूज करने वाले और भी हैं। लिहाजा प्रयागराज डिवीजन की साइबर सेल टीम को कानपुर में सक्रिय किया गया है। जिससे इन पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।
विजय पंडित, कमांडेंट, आरपीएफ, प्रयागराज डिवीजन

Posted By: Inextlive