देश में आतंक की पाठशाला चलाने के बाद जब अवरोध पैदा होने लगे तो आतंकियों ने हिजरत करने का मन बनाया. हिजरत यानी समस्या आने पर देश छोडऩे के लिए वह कश्मीर और केरल तक गए. एनआईए को जांच में इसके भी इविडेंस मिले थे.


कानपुर (सुधीर मिश्रा) भोपाल उज्जैन यात्री ट्रेन में धमाका, बिधनू में स्कूल के प्रधानाचार्य रमेश बाबू को महज पिस्टल ट्रायल के लिए गोली मारना, ट्रेन उड़ाने के उद्देश्य से बम रखना, बम का ट्रायल और ऐसी कई साजिश में इन आतंकियों का सीधा हाथ सामने आया है। इसमें से सबसे बड़ी साजिश हिजरत करना था। आतंकियों के मंसूबों पर जब जांच एजेंसियां अपना शिकंजा कसने लगी और इन्हें भारत में आतंकी साजिश रचने में मुश्किलें आने लगी तो इन लोगों ने हिजरत (भारत छोडक़र सीरिया जाने) करने का फैसला किया था।

देश के खिलाफ साजिश


दरअसल सैफुल्लाह और उसके साथी सीरिया की धरती से भारत में आतंक के जरिए इस्लाम कायम करने का ख्वाब बुन रहे थे। इसके लिए यह लोग केरल और फिर कश्मीर भी गए। एनआईए को भी जांच में इस बात के साक्ष्य मिले थे जो एनआईए की विशेष अदालत में चल रहे मुकदमे का अहम साक्ष्य है। हिजरत करने की योजना में मुख्य भूमिका आतिफ मुजफ्फर, गौस मोहम्मद खान की सामने आई थी। एनआईए के विशेष लोक अभियोजक कौशल किशोर शर्मा बताते हैं कि देश के खिलाफ साजिश रचने में ही सभी को दोषी करार दिया गया है। ये आतंकी हुए थे गिरफ्तार

एटीएस ने कानपुर से नौ मार्च 2017 को मनोहर नगर जाजमऊ निवासी गौस मोहम्मद खान और सीसामऊ आचार्य नगर निवासी अजहर खान उर्फ अजहर खलीफा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद एटीएस ने कानपुर और लखनऊ में छापेमारी जारी रखते हुए एलआईजी केडीए कालोनी जाजमऊ निवासी आतिफ मुजफ्फर, आशियाना कालोनी रोड जाजमऊ निवासी मोहम्मद दानिश, इंदिरानगर गुरसहायगंज कन्नौज निवासी सैयद मीर हसन, मनोहर नगर निवासी आसिफ इकबाल और बंगाली घाट जाजमऊ निवासी मोहम्मद आतिफ को गिरफ्तार किया था।

Posted By: Inextlive