बिधनू के घाटूखेड़ा गांव तेंदुए की दहशत से गांव वाले घबराए हुए हैं. 48 घंटे बाद भी वन विभाग की टीम क्षेत्र में नहीं पहुंची है. जबकि तेंदुए एक बकरी को अपना निवाला बनाने के साथ दो लोगों पर भी हमला कर चुका है. वन विभाग की टीम नहीं पहुंचने से गांव वाले खुद हाथों में लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं. बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है.


कानपुर (ब्यूरो) घाटूखेड़ा निवासी जसराम यादव का घर गांव के किनारे स्थित है। उन्होंने बताया कि रविवार रात बारिश हो रही थी। वह दरवाजे पर बंधी भैंस का दूध निकाल रहे थे। बरामदे में गांव के लगभग आधा दर्जन लोग बैठे हुए थे। इस दौरान खेतों की ओर से अचानक एक तेंदुआ आया और ग्रामीणों की ओर दौड़ा। उसे देखकर ग्रामीण भागने लगे। इस दौरान जसराम और अमृत यादव घायल हो गए थे। लोगों का शोर सुनकर तेंदुआ जंगल की ओर भाग निकला था। इसके बाद ग्रामीणों ने डॉयल 112 पर पुलिस को तेंदुआ होने की सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष योगेश कुमार ने कुछ पुलिसकर्मियों को एहतियातन तैनात किया था। साथ ही वन विभाग को इसकी सूचना दी गई लेकिन 48 घंटे बाद भी विभाग का कोई कर्मचारी गांव नहीं पहुंचा। इसके चलते लोग खुद हाथों में लाठी लेकर रात को पहरा दे रहे हैं।

Posted By: Inextlive