रोड एक्सीडेंट की बढ़ती संख्या के जिम्मेदार जितना सिस्टम है. उतने ही जिम्मेदार हम लोग भी है हम बात कर रहे है ट्रैफिक नियमों के पालन करने की सबकुछ जानने के बावजूद कुछ लोग जल्दबाजी के चक्कर में निर्धारित स्पीड से अधिक स्पीड में गाड़ी चलाते हैं. जो उनके जीवन के लिए खतरा तो होता ही साथ ही सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए भी जानलेवा हो जाता है. ट्रैफिक डिपार्टमेंट व आरटीओ का प्रवर्तन दल हर वर्ष दर्जनों लोगों का चालान सिर्फ रैस ड्राइविंग पर करता है. इसके बावजूद व्हीकल को ओवरस्पीड व खतरनाक तरीके से चलाने वालों की हरकतें कम नहीं हो रही है.

कानपुर (ब्यूरो) ट्रैफिक डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक सिटी की रोड्स पर तेज रफ्तार से बाइक चलाने वाले लोग आए दिन एक्सीडेंट करते हंै। जिससे राहगीर घायल भी हो जाते हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैफिक औचक चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई भी करती है, लेकिन उसका कोई फर्क नहीं पड़ता।

गंगाबैराज स्टंट प्वाइंट
कानपुर के गंगाबैराज में कई युवक बाइक के साथ कार से भी स्टंट करते है। इस रैस ड्राइविंग की वजह से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। गंगा बैराज में रैस ड्राइविंग से होने वाले एक्सीडेंट पर अंकुश लगाने के लिए अस्थाई पुलिस पिकेट भी बना दी गई है। इसके बावजूद वहां पर आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैैं।

बीते दिनों हुए हादसे
- गंगाबैराज में मां-बेटे का एक्सीडेंट बेटे की मौत
- वीआईपी रोड पर एक वर्ष पूर्व रईसजादे ने अधेड़ को कुचला
- रूमा में ट्रक ने लोडर में टक्कर मारी, छह की मौत
- भौती में बस अनियंत्रित होकर पलटी, 12 लोग घायल
- जाजमऊ पुल के पास कार डिवाइडर से टकराई, एक की मौत
- जीटी रोड मंधना के पास कार व ट्रक में टक्कर, दो की मौत

खतरनाक ड्राइविंग में कार्रवाई
2019 में 189
2020 में 39
2021 में 118
2022 में 91
(नोट-ये चालानों की संख्या है)

एक नजर में
5 हजार रुपए जुर्माना निर्धारित है खतरनाक ड्राइविंग में
15 से 20 एक्सीडेंट केस शहर में हर महीने आते है सामने
1 साल में रैस ड्राइविंग में औसतन दो दर्जन लोगों की जान जाती है
10 से अधिक मौत औसतन हर वर्ष सिर्फ गंगाबैराज-उन्नाव के बीच

Posted By: Inextlive