‘मुझे भी साथ ले चलो वरना जान दे दूंगी’
कानपुर (ब्यूरो)। कन्नौज में हिस्ट्रीशीटर मुन्ना यादव को पकडऩे गई पुलिस टीम पर हुए हमले में सिपाही सचिन राठी सर्वोदय स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत हो गई। सोमवार शाम हुई इस घटना में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। सिपाही सचिन राठी की महिला कॉन्स्टेबल कोमल से 5 फरवरी को शादी होनी थी। कोमल का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह बदहवास होकर बोल रही है, मुझे भी साथ ले चलो, नहीं तो गाड़ी से कूदकर जान दे दूंगी। कैसे मौत हुई है, पहले मुझे यह बताओ? ठीक नहीं हुआ है सचिन के साथकोमल की तैनाती सौरिख थाने में है।
प्रशासन कर रहा है बड़ी कार्रवाई
उधर, प्रशासन पुलिस पर फायरिंग करने वाले हिस्ट्रीशीटर मुन्ना यादव पर बड़ी कार्रवाई करने में जुटा है। मंगलवार को राजस्व की टीम हिस्ट्रीशीटर के घर प्रॉपर्टी की जांच करने पहुंची। मकान और उसके आस-पास की जमीन की नाप की जा रही है। नायब तहसीलदार भरत मौर्य ने कहा कि अभी जांच जारी है। इसके बाद कार्रवाई होगी।
फिर याद आया बिकरू कांड
हिस्ट्रीशीटर मुन्ना यादव को पकडऩे के लिए मंडे शाम पुलिस टीम उसके घर पहुंची। करीब 5 जीप में पुलिस के 20 जवान मौके पर थे। महिला सीओ डॉ। प्रियंका बाजपेई भी साथ थीं। मगर, पुलिस से बचने के लिए मुन्ना और उसके बेटे टिंकू ने अपने घर की छत से पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इसमें मुन्ना यादव की पत्नी और पूर्व प्रधान श्यामा ने भी उसकी मदद की। करीब 4 घंटे तक हुई मुठभेड़ में दोनों पक्षों की ओर से 40 राउंड फायरिंग हुई। एक गोली सिपाही सचिन राठी को लग गई। सचिन को पुलिस तुरंत कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल लेकर आई। वहां इलाज के दौरान रात एक बजे उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने घेरा हिस्ट्रीशीटर का घर
इधर पुलिस ने कई थानों की फोर्स बुलाकर हिस्ट्रीशीटर का घर घेर लिया। रात 8 बजे करीब कोहरा और अंधेरा होने लगा तो मुन्ना यादव और उसका बेटा टिंकू फायरिंग करते हुए भागने लगे। मगर, पुलिस ने पीछा करते हुए मुन्ना और उसके बेटे को रोकने के लिए फायरिंग की। दोनों के पैर में गोली लगी है। बाप-बेटे को पुलिस ने छिबरामऊ के हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। पूरी घटना विशुनगढ़ थाना के धरनी धीरपुर नगरिया गांव की है।
2019 में पुलिस में भर्ती
29 साल के सचिन राठी मुजफ्फरनगर की बुढाना क्षेत्र के शहडब्बर गांव के रहने वाले थे। 2019 में वह पुलिस में भर्ती हुए थे। पहली तैनाती कन्नौज के सौरिख थाने में मिली। इसके बाद उन्हें विशुनगढ़ थाना भेजा गया। सचिन की शादी अगले साल 5 फरवरी को महिला कॉन्स्टेबल कोमल के साथ होनी थी। सचिन की मौत की खबर मिलते ही कोमल भी कानपुर में हॉस्पिटल पहुंचीं। इस दौरान कोमल बदहवास हो गईं। उनके गुस्से और दुख को देखकर लोग भी काफी भावुक हो गए। उधर, सचिन के शव का कानपुर में पोस्टमॉर्टम के बाद मुजफ्फरनगर भेजा गया।
एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि कॉन्स्टेबल के गोली लगने के बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की तो आरोपी घर के अंदर छिप जाते थे। इस दौरान मुन्ना की पत्नी श्यामा उसकी मदद कर रही थी। वह मुन्ना और टिंकू को असलहा लाकर दे रही थी। कई थानों की फोर्स आने के बाद पुलिस ने मुन्ना के घर को चारों तरफ से घेर लिया। जब मुन्ना को लगा कि वह फंस रहा है तो करीब 8 बजे वह और उसका बेटा फायरिंग करते हुए भागने लगा। पुलिस की ओर से फायरिंग में हिस्ट्रीशीटर और बेटे के पैर में गोली लगी। इसके बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया।
सीसीटीवी से देख रहा था पुलिस का मूवमेंट
हिस्ट्रीशीटर ने घर में चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं। पुलिस को शक है कि घर के अंदर से वह टीम की एक्टिविटी देख रहा था। इसीलिए जिस तरफ भी टीम का मूवमेंट होता था, वह उसी तरफ गोली चला रहा था। पुलिस ने बताया कि मुन्ना का मकान काफी बड़ा है। ग्रामीणों के मुताबिक, उसके यहां आने वाले व्यक्ति की एंट्री घर के अंदर तभी होती थी, जब वह सीसीटीवी से देख लेता था। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही वह मेन गेट खोलता था।
जैसे-जैसे रात बढ़ी, पुलिस घेराबंदी करती गई
पुलिस टीम की कमान एसपी अमित कुमार आनंद खुद संभाल रहे थे। उनके साथ एएसपी संसार सिंह, सीओ सदर डॉ। प्रियंका बाजपेई भी थीं। पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर का मकान 300 मीटर की दूरी से चारों तरफ घेर रखा था, ताकि किसी भी तरफ भागने की कोशिश करें, तो उसे दबोचा जा सके। जैसे-जैसे रात बढ़ रही थी, पुलिस घेराबंदी करती गई। यही वजह थी कि रात में जब बाप-बेटों ने भागने की कोशिश की, तो दोनों को दबोच लिया गया। हिस्ट्रीशीटर और उसके बेटे के पास से दो तमंचे बरामद किए गए हैं। इससे ये लोग फायरिंग कर रहे थे। घर की तलाशी करने पर पुलिस को डबल बैरल राइफल मिली है। पत्नी को डिटेन किया गया है। घर और आसपास सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।