कई राउंड की काउंसिलिग के बाद भी एचबीटीयू में बीटेक के कई कोर्सेस में सीटें नहीं भरी है. ऐसे में एचबीटीयू प्रशासन कई कोर्सेस में बदलाव की कवायद शुरू कर दी है. इन कोर्सेस के नाम के साथ ही सिलेबस को भी इंडस्ट्रीज की डिमांड के अनुसार बदला जाएगा. इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई के स्पेशलिस्ट से वार्ता की जाएगी. साथ ही नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए नए कलेवर से इसे लागू किया जाएगा.

कानपुर(ब्यूरो)। कई राउंड की काउंसिलिग के बाद भी एचबीटीयू में बीटेक के कई कोर्सेस में सीटें नहीं भरी है। ऐसे में एचबीटीयू प्रशासन कई कोर्सेस में बदलाव की कवायद शुरू कर दी है। इन कोर्सेस के नाम के साथ ही सिलेबस को भी इंडस्ट्रीज की डिमांड के अनुसार बदला जाएगा। इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(एआईसीटीई) के स्पेशलिस्ट से वार्ता की जाएगी। साथ ही नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए नए कलेवर से इसे लागू किया जाएगा।

चार राउंड काउंसिलिंग
चार चरण की ऑनलाइन और दो चरण की स्पॉट काउंसङ्क्षलग के बावजूद इस बार एचबीटीयू में आयल टेक्नोलाजी की 60 में से केवल एक सीट, लेदर टेक्नोलाजी की 30 में से सिर्फ 2 सीटें और बायोकेमिकल टेक्नोलाजी की 60 सीटों के सापेक्ष महज चार सीटों पर ही प्रवेश हो सके हैं। ये तीनों कोर्स केमिकल इंजीनियङ्क्षरग से संबंधित हैं, लेकिन जेईई मेन परीक्षा पास करके आए स्टूडेंट्स ने इन कोर्सेस में रुचि नहीं दिखाई। जबकि केमिकल इंजीनियङ्क्षरग में सभी 80 सीटें फुल हो गईं।


एनईपी के मुताबिक
ऐसे में एचबीटीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने ने इन तीनों कोर्सों में बदलाव की तैयारी शुरू की है। कुलपति प्रो। समशेर ने बताया कि विश्वविद्यालय में इसी सत्र से बीटेक कोर्सों में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम लागू किया गया है। स्टूडेंट बीटेक की मुख्य ब्रांच के विषयों के साथ ही माइनर विषयों के तौर पर किसी दूसरी ब्रांच के विषयों को भी पढ़ सकेंगे। इससे उन्हें मेजर के साथ माइनर विषयों में भी डिग्री मिल सकेगी। काउंसङ्क्षलग के दौरान जिन कोर्सों में छात्र नहीं आए, उनमें एनईपी के अनुसार कुछ परिवर्तन करने पर विचार हो रहा है।
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कोर्स- सीटें- एडमिशन
आयल टेक्नोलाजी - 60 - 1
लेदर टेक्नोलाजी -30-2
बायोकेमिकल टेक्नो। -- 60--4

Posted By: Inextlive