टोमास ट्रांसट्रोमर को साहित्य का नोबेल
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ने अवार्ड की घोषणा करते हुए कहा है कि ट्रांसट्रोमर को इसलिए चुना गया क्योंकि ‘‘वो अपनी घनीभूत और पारभाषी छवियों से यथार्थ का एक ताज़गी भरा परिदृश्य देते हैं.’’
80 वर्षीय ट्रांसट्रोमर 108 वें साहित्यकार हैं जिन्हें ये पुरस्कार मिला है। पिछले वर्ष ये पुरस्कार पेरु के मारियो वर्गास लोसा को दिया गया था। इस पुरस्कार के तहत क़रीब दस हज़ार डॉलर की राशि दी जाती है। यह पुरस्कार केवल जीवित साहित्यकारों को ही दिया जाता है।ट्रांसट्रोमर की ट्रेनिंग एक साइकोलॉजिस्ट के रुप में हुई थी। ट्रांसट्रोमर को 1990 में एक अटैक आया था जिसके बाद से वो बड़ी मुश्किल से बोल पाते हैं।ट्रांसट्रोमर के अधिकतर लेखन का अनुवाद स्कॉटलैंड के कवि रोबिन फुल्टन और अमरीकी कवि राबर्ट ब्लाय ने किया है। ब्लाय, ट्रांसट्रोमर के अभिन्न मित्रों में से एक हैं।ट्रांसट्रोमर की कविताएं 50 से अधिक भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं और पब्लिशर्स वीकली ने इन कविताओं को ‘दर्द से भरपूर, रहस्मयी और विविधता से भरा हुआ’ कहा है।
ट्रांसट्रोमर को नोबेल मिलने की संभावना की वर्षों से जताई जा रही थी। पिछले दस वर्षों में साहित्य में नोबेल पाने वाले वो आठवें यूरोपीय हैं। हालांकि 1974 के बाद नोबेल पाने वाले वो पहले स्वीडिश हैं।
1931 में स्टॉकहोम में जन्मे ट्रांसट्रोमर ने 1956 में साइकोलॉजी में ग्रैजुएशन किया था और बाद में साइकोलॉजिस्ट के तौर पर भी काम किया। ट्रांसट्रोमर की पहली कविता उस समय पब्लिश हुई थी जब वो 23 साल के थे। बाद में 1966 में उन्हें बेलमैन पुरस्कार मिला।