सफलता मिलने तक लक्ष्य से नजर नहीं हटने दी, सुरभि श्रीवास्तव को देश में 56वीं रैंक
कानपुर (ब्यूरो)। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा सिविल सर्विसेज 2023 का रिजल्ट जारी किया है। रिजल्ट में कानपुर के कई स्कॉलर ने भी सफलता के झंडे गाड़े हैं। रावतपुर गांव की रहने वाली सुरभि श्रीवास्तव ने एआईआर 56 रैैंक पाकर शानदार सफलता हासिल की है। सुरभि वर्तमान में कानपुर देहात मेें जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी हैैं। इनके अलावा नौबस्ता के रहने वाले हर्षवर्धन पांडेय को 489 रैैंक और यशोदा नगर के रहने वाले सुयश कुमार सिंह ने 159वीं रैैंक पाई है। इनके अलावा सिटी की शुभांसी सिंह ने एआईआर 298 रैैंक पाकर सक्सेस पाई है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इनसे बात कर जाना, आाखिर क्या है उनकी सफलता के मंत्र।
पीसीएस अफसर सुरभि यूपीएससी में सक्सेस
रावतपुर गांव की रहने वाली सुरभि श्रीवास्तव ने यूपीएससी एग्जाम में एआईआर 56वीं रैंक पाई है। वह फिलहाल कानपुर देहात के माती में दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी की पोस्टपर तैनात हैं। इनका कहना है कि लगातार की गई मेहनत एक दिन जरूर सफलता की मंजिल तक ले जाती है। सुरभि ने डीपीएस कल्याणपुर से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद एचबीटीयू से 2019 में कंप्यूटर साइंस (सीएस) से बीटेक किया। बताया कि पिता की तमन्ना थी कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करूं, उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ी। एक साल नौकरी करने के बाद जॉब छोड़ दी और सिविल सर्विसेज की तैयारी की। पहले पीसीएस में सिलेक्शन हुआ, उसके बाद अब आईएएस का सपना पूरा हुआ। सफलता का श्रेय पिता जगदीश कुमार श्रीवास्तव को देती हैं। वह ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर की पोस्ट पर औरैया में तैनात हैं। मां अर्चना श्रीवास्तव गृहिणी हैं।
जिस तरह अर्जुन ने मछली की आंख पर फोकस करके टारगेट को हासिल किया था। उसी तरह आपको अपने टारगेट को फिक्स करना और फोकस करते हुए डटे रहना है। ऐसा करने से सक्सेस जरूर मिलेगी। यह कहना है नौबस्ता के रहने वाले हर्षवर्धन पांडेय का। तीसरे प्रयास में इनको सक्सेस मिली है। इनकी एआईआर 489 रैैंक है। इनको यह सक्सेस तीसरे प्रयास में मिली है। इन्होंने 10वीं की पढ़ाई पूर्णचंद्र विद्यानिकेतन से की है। 12वीं के बाद इन्होंने आईआईटी बीएचयू से बीटेक (सिविल ब्रांच) किया है। बताया कि 2016 में बीटेक पूरा होने के बाद जॉब के साथ साथ यूपीएससी की तैयारी शुरु कर दी थी। यह इस समय बैैंगलोर में एक फिनटेक कंपनी में कार्यरत हैैं। इनके पिता गिरीश चंद्र पांडेय आर्डिनेंस फैक्ट्री में कार्यरत और मां संगीत हाउसवाइफ हैैं।
पढ़ाई के साथ साथ कांफीडेंट भी रहे
यूपीएसी सिविल सर्विसेज एग्जाम को क्रैक करने के लिए पढ़ाई के साथ साथ खुद पर भरोसा होना भी बेहद जरूरी है। मेरी सक्सेस के पीछे कांफीडेंट रहने का भी रोल है। यह कहना है यशोदा नगर के रहने वाले सुयश कुमार सिंह का। देश में 159वीं रैैंक हासिल करने वाले सुयस ने को यूपीएससी 2022 के एग्जाम में 262वीं रैैंक मिली थी, जिसको बाद इनको आईएएडी सर्विस मिली है। बताया कि ऑनलाइन कंटेंट से स्टडी से इनको यह सक्सेस मिली है। बीते साल के क्वेश्चन पेपर साल्व करने को भी तैयारी में इंपार्टेंट बताया है। वह अपनी सफलता में पत्नी अपूर्वा के सहयोग को खास बताते हैैं। 2022 मेें चौथे और 2023 में पांचवें प्रयास में सफलता मिली। 10वीं और 12वीं की पढ़ाई मर्सी मेमोरियल स्कूल किदवई नगर से की है। इसके बाद 2015 में आईआईटी दिल्ली से बीटेक (केमिकल) करने के बाद दो साल 12 लाख के एनुअल पैकेज पर जॉब भी की है। इनके पिता प्रभु दयाल सिंह गवर्नमेंट टीचर हैैं।
सेल्फ स्टडी और बीते साल के पेपर्स साल्व करके पाई सक्सेस
सिटी की शुभांसी सिंह ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2023 के रिजल्ट में 298वीं रैैंक पाई है। तीसरे प्रयास में सफलता पाने वाली शुभांसी ने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी और बीते सालों के क्वेश्चन पेपर को सॉल्व करके इस सक्सेस को पाया है। बताती हैैं कि एग्जाम की तैयारी में बीते साल के टॉपर्स के नोट्स से कंटेंट को समझ सकते हैैं। बताया कि इंटरव्यू की तैयारी के लिए कोचिंग का सहारा लिया है। इनकी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई डीपीएस कल्याणपुर से हुई है। 2020 में बीटेक (सिविल) पूरा होने के बाद 1.5 साल मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी की है। शुभांसी का कहना है कि जब आपके काम से किसी को सैटिस्फैक्शन मिलता है तो सुकुन मिलता है। यही वजह है कि वह सिविल सर्विस मेें जाना चाहती हैैं। इनके पिता मानेंद्र सिंह रिटायर्ड गवर्नमेंट अफसर और मां ममता सिंह हाउस वाइफ हैैं।
यूपीटीटीआई के मोहित की 690 रैैंक
यूपीटीटीआई से 2019 बैच के बीटेक (टेक्सटाइल केमिस्ट्री) पासआउट मोहित यादव ने 690 रैंक लाकर सिविल सर्विस एग्जाम को क्रैक किया है। इटावा से 20 किलोमीटर दूर सहसापुर गांव के साधारण किसान के बेटे मोहित यादव ने अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उनको यह सफलता पांचवें प्रयास में मिली। 12वीं तक की पढ़ाई इटावा के सरस्वती इंटर कॉलेज से करने के बाद मोहित ने 2019 में बीटेक किया। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्री मुंबई में नौकरी शुरू की। इनका इस समय 20 लाख का पैकेज है। इनका कहना है कि रुपये नहीं सपने मायने रखते हैं। बीटेक के दूसरे साल से ही इस सपने को पूरा करने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। पिता राजेंद्र सिंह यादव किसान और मां अनीता देवी हाउसवाइफ है। इनका कहना है कि वह अभी अच्छी रैैंक लाकर आईएएस बनने के लिए कोशिश करेंगे।