Baby lag is the term coined for the age old feeling of extreme exhaustion new parents suffer as a result of sleep deprivation. Not too dissimilar to jet lag this problem is a nightmare for working parents. Here is a close look at the problem and expert tips to deal with this desperate for a nap syndrome...


लखनऊ में जॉब कर रही रचना पिछले तीन रातों से सो नहीं पा रही हैं, वजह है छह महीने की उनकी बेटी। दरअसल वह रात को अक्सर जग जाती है और मां का अटेंशन चाहती है। कई बार रचना को पूरी रात जगकर उसे वक्त देना पड़ता है। दरअसल रचना बेबी लैग्स का शिकार हो चुकी हैं। नींद ना पूरी होने की वजह से वह इरिटेट हो गई हैं। वह ना तो घर के कामों पर कंसंट्रेट कर पाती हैं और ना ही ऑफिस के कामों पर। बहरहाल रचना ऐसी अकेली नहीं हैं। एक सर्वे के मुताबिक लगभग 77 परसेंट पेरेंट्स बेबी लैग की वजह से ठीक से सो नही΄ पाते। एक्सपट्रस का मानना है कि पैरेंट्स बेबी लैग को एक प्रॉब्लम के तौर पर एक्सेप्ट कर वर्कआउट शुरू कर दें तो इसे ईजिली टैकल किया जा सकता है।What’s the reason?
बेबी के रात में परेशान करने की वजहें जब पेरेंट्स से पूछी गई तो सबसे कॉमन आंसर था बेबी का भूखा होना। दांत निकलने के दौरान भी बच्चे परेशान करते है΄। कई पेरेंट्स ने कहा कि वो अपने बच्चे के रात में रोने की वजह नहीं समझ पाते। बच्चे के चेंजिंग स्लीप ट्रेंड्स की एक वजह उसकी एज भी हो सकती है। जहां न्यूबॉर्न बेबीज चौबीस घंटों मे΄ 80 परसेंट टाइम सोने में स्पेंड करते है΄, वहीं एक साल के होते ही उनकी नींद 55 परसेंट टाइम में पूरी हो जाती है΄। स्लीप पैर्टन्स हर बच्चे के लिए अलग होते हैं। वर्किंग मॉम भारती कहती है΄, ‘मेरा न्यूबॉर्न बेबी ऑक्वर्ड टाइम पर सोता है जबकि मेरी दूसरी बेटी जब छोटी थी तो आराम से सोती थी। मैं दोनों बच्चों की देखभाल एक ही तरीके से करती हूं लेकिन उनके स्लीपिंग पैर्टन्स डिफरेंट है.’How to tackle baby lag?एम्स की सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट और इंडियन सोसायटी ऑफ स्लीप रिसर्च की एक्जीक्यूटिव मेंबर डॉ। मंजरी त्रिपाठी के ये टिप्स बेबी लैग से बाहर निकलने में आपकी हेल्प कर सकते हैं-जब और जहां समय मिले, पॉवर नैप लेने की कोशिश करें।कम स्ट्रेस लेने की कोशिश करें। इसके लिए डेली इश्यूज को उनकी इंपॉर्टेंस के हिसाब से 1-10 की रेटिंग दें और उन्हें अकॉर्डिंगली टैकल करें।खाने में फ्रूट्स, सैलेड, दूध और दही का प्रपोर्शन बढ़ा दें। खाने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का इनटेक कम कर दें।अपने और अपने बच्चे के आसपास हैपी एन्वायरमेंट क्रिएट करने की कोशिश करें।


बच्चे को रात में सुलाने के लिए बेस्ट ट्रिक है कि आप उसे रात और दिन के बीच का फर्क बताएं। इसके लिए आप साउंड्स और लाइट्स की मदद ले सकते हैं।Tips to a sound sleeping babyबेबी लैग से बचे रहना तभी पॉसिबल है जब आपका बेबी रातभर ठीक से सोए। ये टिप्स बेबी की अच्छीं नींद लाने में हेल्प करेंगेHe shouldn’t be hungryबेबी को सुलाने से पहले इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि उसे बिल्कुल भी भूख न लगी हो। अगर बेबी खा सकता हो तो उसे फैट एनरिच्ड फूड देना चाहिए। इसके साथ ही सॉलिड फूड देना बहुत ही जरूरी है।Massage is important बेबी को अच्छी नींद दिलाने के लिए आप उसे सोने से पहले मसाज भी कर सकती हैं। इससे बच्चों को अच्छी नींद आती है। इसके साथ ही उसमें स्ट्रेंथ बिल्ड अप भी होती है। यानि, दो काम एक साथ।टेम्परेचर रखें कांसटेंटबेबीज अपना बॉडी टेम्परेचर खुद रेग्युलेट नहीं कर सकते इसीलिए रूम टेम्परेचर कॉन्सटेंट रखें। टेम्परेचर हमेशा 16 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रखें। उसे गर्म रखने के लिए आप स्लीपिंग बैग भी यूज कर सकते हैं। नाइट बल्ब जरूर जलाएं

बच्चे के सोने के टाइम रूम की लाइट्स बंद कर दें। इतना याद रखें कि रूम में पूरी तरह अंधेरा न करें। नाइट बल्ब जलने दें। अगर पूरी तरह अंधेरा कर देंगे तो बच्चा डर सकता है। सुलाने के लिए रात का माहौल क्रिएट करना जरूरी है।Yog Nidra can do wondersडॉ। मंजरी त्रिपाठी के मुताबिक योग निद्रा एक यूजफुल स्ट्रेस रिलीविंग टेक्नीक है। वह कहती हैं, ‘योग निद्रा को अगर डेली रूटीन का हिस्सा बना लिया जाए तो यह बहुत फायदेमंद साबित होगा। योग निद्रा वैसे तो कांप्लेक्स प्रॉसेस है पर आप इसे सिंपल बनाकर अपने मुताबिक डीप मेडिटेशन में कंवर्ट कर सकते हैं.’ योग निद्रा सीखने के लिए योगा क्लासेज ज्वॉइन करना बेहतर ऑप्शन है।                                                                                                                                Akanksha Shukla

Posted By: Inextlive