ट्रैफिक नियमों का पालन न करने से वेडनेसडे को फिर एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. दरअसल चकेरी कोयला नगर में बुधवार सुबह दो दोस्तों के साथ बाइक से कॉलेज जा रहे बी फार्मा प्रथम वर्ष के 18 साल के छात्र वरदान दुग्गल की सडक़ हादसे में मौत हो गई


कानपुर(ब्यूरो)। ट्रैफिक नियमों का पालन न करने से वेडनेसडे को फिर एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दरअसल चकेरी कोयला नगर में बुधवार सुबह दो दोस्तों के साथ बाइक से कॉलेज जा रहे बी फार्मा प्रथम वर्ष के 18 साल के छात्र वरदान दुग्गल की सडक़ हादसे में मौत हो गई। मौके पर पहुंची चकेरी पुलिस ने दो घायल साथियों को मंगला विहार स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस सडक़ हादसे में एक बात ये सामने आई कि स्टूडेंस ने अगर ट्रैफिक नियमों को हवा में न उड़ाया होता तो दुग्गल परिवार के एकलौते चिराग की जान बच जाती। इस हादसे ते पीछे तीन बड़ी लापरवाही सामने आई है। पहली, बाइक सवार स्टूडेंट्स में कोई हेलमेट नहीं लगाए था। दूसरा तीन सवारी बैठ कर बाइक को स्पीड में दौड़ा रहे थे। सबसे बड़ा कारण बना हाईवे पर सामने से आ रहा ई-रिक्सा। जिनका हाई-वे पर चलना पूर्ण प्रतिबंधित है। इसी रिक्से से बचने के चक्कर में बाइक असंतुलित हो गई और पीछे से आ रहे ट्रक का पहिया वरदान को घसीटते लिए चला गया।

सिर में गंभीर चोट आने से मौत


बर्रा स्थित आजाद कुटिया निवासी हरीश चंद्र दुग्गल एक डिफेंस सप्लायर कंपनी में एचआर हैं। उनका इकलौता बेटा वरदान दुग्गल (18) रूमा स्थित एक कॉलेज से बी फॉर्मा की पढ़ाई कर रहा था। वेडनेसडे सुबह अपने दो दोस्तों रतनलाल नगर निवासी रोहित साहू और सचेंडी कटरा निवासी सुशांत सिंह के साथ एक ही बाइक से कॉलेज जा रहा था। कोयला नगर हाईवे पर पीछे से आ रहे ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। जिससे तीनों सडक़ पर आ गिरे। सिर में गंभीर चोट आने पर दुर्घटना में वरदान की मौत हो गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक ट्रक चालक मौके से भागने की वजह से लगभग 500 मीटर तक वरदान को घसीटता हुआ ले गया। जिससे वरदान का शव क्षत विक्षत हो गया। घायलों ने बताया रतनलाल नगर निवासी खुरई साहू की बाइक सुशांत सिंह निवासी सजेती चला रहा था। वरदान उन्हें नौबस्ता बाईपास पर मिला था। उसे कॉलेज जाने के लिए देर हो रही थी। वह भी बाइक पर बैठ गया।योग में वरदान को महारत थी

मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लिया । वही दोनों घायलों को पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वरदान को भी कांशीराम अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव देखा तो कोहराम मच गया। बता दें कि मृतक वरदान की मां नीतू की 2 साल पहले ही कोरोना से मौत हो चुकी है। वह घर का इकलौता चिराग था। इसके अलावा योग में उसे महारत हासिल थी। इसके लिए उसने कई अवार्ड भी जीते। घायल स्टूडेंट्स की जुबानी- छात्रों ने बताया कॉलेज पहुंचने में देरी हो रही थी- इस वजह से वे 60 से 70 की स्पीड में बाइक चला रहे थे, - दरअसल कॉलेज का गेट बंद होने का समय निर्धारित होता है- इसी वजह से सुशांत सिंह तेजी से बाइक चला रहा था। - सामने से अगर ई-रिक्शा न आता तो शायद एक्सीडेंट न होतानियमों की अनदेखी पड़ी भारी- तीनों स्टूडेंट्स एक बाइक पर ट्रिपलिंग कर जा रहे थे, जबकि यह प्रतिबंधित है- बाइक चला रहा सुशांत सिंह भी हेलमेट नहीं लगाए था। जो नियमत: गलत है- हाईवे के किनारे अगर ट्रक नहीं खड़े होते तो शायद ट्रक वाला भी साइड कर लेता - हाई-वे पर पेट्रोलिंग के बावजूद ई रिक्शा का वहां चलना सवाल खड़ा करता है।

Posted By: Inextlive