सेक्स के लती युवक की कड़वी सच्चाई
हास्य अभिनेता जेफ़ लीच 27 साल की उम्र में 300 से ज्य़ादा महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर चुके हैं और अब इस समस्या से छुटकारा चाहते हैं।
जेफ़ लीच कहते हैं कि महिलाओं के साथ उनके संबंध काफ़ी सफल रहे हैं, कभी-कभी तो एक सप्ताह में वे दस से ज़्य़ादा महिलाओं के साथ संबंध बना चुके हैं,लेकिन अब वे ख़ुद को बदलना चाहते हैं।जेफ़ कहते हैं, ''मैं ये देखना चाहता हूँ कि क्या मैं एक समर्पित रिश्ते को संभाल सकता हूँ, अगर नहीं तो अपनी कमियां जानना चाहता हूँ''। उनके अनुसार, "प्रत्येक महिला को सेक्स की एक संभावना के तौर पर देखना मुझे परेशान कर देता है। इस तरह की भावना ना सिर्फ थकाने वाली है बल्कि मुझे खोखलेपन का एहसास करा देती है." ''अब मैं 30 की ओर बढ़ रहा हूँ और मेरे सभी दोस्त शादी कर एक सँभला हुआ जीवन जी रहे हैं, ऐसे में मैं हमेशा ऐसे तो नहीं रह सकता.''
जेफ़ कहते हैं, ''मुझे इस बात का एहसास है कि सेक्स के प्रति मेरा व्यवहार सामान्य नहीं है। इससे पहले मुझे शराब और ड्रग्स की भी लत थी जिससे मैंने सफलतापूर्वक छुटकारा पाया है, ये उसी कड़ी की आख़िरी समस्या है जिसे मुझे दूर करना है."
जेफ़ के अनुसार वे अकेले मरना नहीं चाहते हैं और पिता भी बनना चाहते हैं और यही कारण है कि उन्होंने ख़ुद को समझने के लिए अपनी पूर्व प्रेमिकाओं से संपर्क किया।इनमें से ज्य़ादातर महिलाओं ने सकारात्मक जवाब दिया और उनकी मदद के लिए आगे आईं सिवाए उनकी पूर्व गर्लफ्रेंड निकोला के जिसने उन्हें स्वार्थी और आत्मकेंद्रित बताया है। उनकी एक और प्रेमिका क्लेयर के मुताबिक उन्हें हमेशा ये डर सताता रहा कि कहीं जेफ़ उन्हें चोट ना पहुँचा दें।जेफ़ कहते हैं मेरी एक और पूर्व प्रेमिका को लगता है कि 'मैंने अपना संवेदनशील पक्ष प्रदर्शित नहीं किया, लेकिन मैं अपना कमज़ोर पक्ष कैसे दिखा सकता था?'जेफ़ के अनुसार ''ख़ुद को एक एक लड़की तक सीमित रखना, या किसी के साथ एक रात बिताकर उसे ये कहना कि वो मेरी ज़िंदगी है, मेरे हिसाब से ग़लत है क्योंकि मुझे पूरा अधिकार है ख़ुद को किसी से दूर करने का."संबंधों से जुड़े मामलों में इलाज करने वाली मनोविज्ञानी पॉवला हॉल कहती हैं, ''अगर आप इस तरह की यौन क्रिया में लिप्त हैं जिससे आपको ना कुछ मिल रहा है ना ही आप ये समझ पा रहे हैं कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं और बाद में आपको पछतावा भी होता है तो ये निस्संदेह एक लत है." "ऐसे में ज़रूरी है ये है कि आप अपने संग रहें और खुद से प्यार करना सीखें."
बचपन में हुए कठोर अनुभव
"हालांकि अपनी बचपन की समस्याओं को एक साइको-थेरेपिस्ट के साथ बाँटना आसान नहीं है, इससे कई बार मुझे डिप्रेशन भी हुआ है." ''लेकिन इस कोशिश ने मुझे एक नई ज़िंदगी दी है, ऐसी ज़िंदगी जहां ना सिर्फ मैं अपनी कामेच्छाओं पर नियंत्रण पर सकता हूँ बल्कि महिलाओं के साथ बेहतर रिश्ते भी स्थापति कर सकता हूँ."
''हो सकता है मैं इस बीमारी से कभी पूरी तरह से मुक्त ना हो पाऊँ और ये एक बीमारी ही है लेकिन अब मैं ख़ुद अपनी आँखों में झाँककर देख सकता हूँ और अपने भविष्य को बेहतर बनाने की कोशिश कर सकता हूँ."