kanpur@inext.co.in kanpur : सिटी में कई जगह लावारिस गाडि़यां महीनों से खड़ी हैं. इन वाहनों पर पुलिस की नजर तब पड

- एक साल में 76 फोर व्हीलर शहर में मिले लावारिस, नंबर प्लेट बदलकर चलाए जा रहे थे वाहन

- ट्रैवेल्स एजेंसी के ड्राइवर बेच रहे वाहन, दिल्ली और गुरुग्राम से चोरी करके लाए जा रहे वाहन

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KANPUR : सिटी में कई जगह लावारिस गाडि़यां महीनों से खड़ी हैं। इन वाहनों पर पुलिस की नजर तब पड़ती है, जब इनकी वजह से ट्रैफिक फंसने लगता है। गोल चौराहा, कैंट, स्वरूप नगर, चकेरी और फूलबाग के इलाके में अक्सर पुलिस को ऐसे वाहन खड़े मिलते हैं। इन वाहनों के नंबर के आधार पर जब पुलिस संपर्क करती है तो पता चलता है कि इसमें से कई गाडि़यां चोरी की हैं। वहीं पुलिस इन वाहनों की चोरी के मामले में एफआर भी लगा कर फाइल बंद कर चुकी है, यानी वह गाड़ी 90 दिन पहले चोरी हुई थी।

क्रिमिनल्स सड़क पर छोड़ रहे

शहर की सड़कों पर लगातार लावारिस गाडि़यां मिल रही हैं। कभी पुल के नीचे तो कभी रेलवे क्रासिंग के पास लग्जरी गाडि़यां लावारिस हालत में मिल रही हैं। पुलिस के मुताबिक जब जांच की गई तो अधिकतर गाडि़यां दिल्ली और गुरुग्राम से चोरी करके शहर में लाई जा रही हैं। पुलिस जांच में ये बात सामने आई है कि ये वाहन दूसरे जिलों से ट्रैवेल्स एजेंसी के ड्राइवर चोरी कर ला रहे हैं। यहां शातिर क्रिमिनल्स को गाडि़यां बेचकर ड्राइवर रकम लेकर चले जाते हैं और क्रिमिनल्स वारदातों को अंजाम देकर गाडि़यां सड़क पर छोड़ देते हैं।

कंडम गाडि़यों की नंबर प्लेट

पुलिस के मुताबिक शातिर अपराधी परिवहन विभाग के दलालों से सेटिंग रखते हैं। दलाल इन अपराधियों को कंडम हुए वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर दिला देते हैं। आरसी पर इंजन नंबर और चेसिस नंबर भी होता है। शातिर डाई से गाड़ी के इंजन और चेसिस पर पड़ा नंबर मिटा देते हैं। इसके बाद कंडम रजिस्ट्रेशन नंबर पर गाडि़यां दौड़ती है। क्राइम के बाद ये ही गाडि़यां सड़क पर छोड़ दी जाती हैं।

कुछ मामले: एक नजर में

- किदवई नगर में दो साल पहले घर के नीचे से खड़ी बाइक चोरी कर शातिरों ने एटीएम मशीन तोड़कर नगदी पार कर दी। सीसीटीवी में इस गाड़ी का नंबर ट्रेस हो गया था। वहीं वारदात को अंजाम देने के बाद चोरों ने बाइक में आग लगा दी थी।

- प्रदेश में चर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के खंजांची जय बाजपेई की भी तीन गाडि़यां पुलिस को लावारिस हालत में मिली थीं। इन गाडि़यों का इस्तेमाल शातिर विकास दुबे अपराध के लिए और वारदात के बाद फरार होने के लिए करता था।

- तीसरा ताजा मामला बिठूर थानाक्षेत्र का है जहां लावारिस मिली वैगन आर पर बिठूर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ने कब्जा कर लिया था। इसके बाद वे गाड़ी का निजी कामों के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। इस बात की जानकारी तब हुई जब सर्विस सेंटर से असली मालिक के पास कॉल गई।

मुख्य थाने वाहन चोरी की संख्या

कल्याणपुर - ब्9

स्वरूप नगर - फ्ख्

कोहना - क्9

नौबस्ता - ख्ख्

गोविंद नगर- फ्9

बर्रा - क्7

किदवई नगर- क्8

कोतवाली - ख्ख्

नौबस्ता - फ्क्

कैंट - क्ख्

बाबू पुरवा - फ्8

जूही - फ्क्

चकेरी - ब्भ्

महाराजपुर - 09

फीलखाना - फ्ब्

कलक्टरगंज- ख्म्

रायपुरवा - ख्म्

अनवरगंज - क्क्

चमनगंज - 09

कर्नलगंज - ख्क्

कुल वाहन चोरी - भ्क्9

वाहन बरामदगी - क्0फ्

फोर व्हीलर चोरी - क्8क्

टू व्हीलर चोरी - फ्फ्8

लावारिस मिले फोर व्हीलर - फ्क्

लावारिस मिले टू व्हीलर - 7म्

वाहन चोरी के मामले में एफ आर - ब्70

वाहन चोरी में चार्जशीट - 0ब्9

(डाटा पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक)

सिटी में लावारिस खड़ी कई गाडि़यां पुलिस के कब्जे में ली हैं। अधिकतर मामलों में एफआर लगाई जा चुकी है। वाहनों के नंबर के मुताबिक वाहन मालिक से संपर्क किया जाता है।

डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी/एसएसपी कानपुर

Posted By: Inextlive