क्या कहता है जॉब्स का मृत्यु प्रमाणपत्र
कैलिफोर्निया के सांता क्लारा काउंटी ने जॉब्स के मृत्यु प्रमाणपत्र में श्वास प्रक्रिया में समस्या को उनकी मौत का कारण बताया गया है। जॉब्स का पैंक्रियाटिक कैंसर धीरे धीरे पूरे शरीर में फैल गया था और अंतत इससे श्वास प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई और जॉब्स की मौत हुई।
ज़ॉब्स 2004 से ही पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे और उन्होंने इसके लिए आपरेशन भी करवाया था। पाँच अक्तूबर को पालो अल्टो के अपने घर में 56 वर्षीय जॉब्स ने दम तोड़ दिया। जॉब्स के शव का कोई पोस्ट मार्टम नहीं किया गया है। उन्हें शुक्रवार को दफनाया जाएगा।समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार कैलिफोर्निया के सांता क्लारा स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को जॉब्स का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है। 2004 में ही जॉब्स ने अपने पैंक्रियाटिक कैंसर के बारे में दुनिया को बताया था जिसके पाँच साल के बाद उनके लीवर का प्रतिरोपण भी हुआ था।
वर्ष 2011 में उन्होंने मेडिकल छुट्टी ले ली थी जिसके बाद अगस्त महीने में उन्होंने सीईओ का पद भी छोड़ दिया था। उनके बाद ऐपल का काम टिम कुक देख रहे थे।जॉब्स के परिवार ने जो बयान जारी किया है उसके अनुसार जॉब्स ने जब आखिरी सांसें लीं तो परिवार उनके साथ था और वो बहुत शांति से दुनिया से विदा हो गए।
ऐपल ने सोमवार को बताया है कि शुक्रवार यानी चार अक्तूबर को ऐपल के आईफोन 4 एस के लांच के बाद उनके पास अबतक दस लाख फोन के आर्डर आए हैं जो एक रिकार्ड है।