स्टेप एचबीटीआई बना स्कूल ऑफ एंटररप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट
कानपुर (ब्यूरो) एचबीटीयू के कुलपति प्रो। समशेर ने बताया कि स्टेप को एचबीटीआई में जोडऩे के बाद बने स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट में बीबीए, एमबीए और पीएचडी की पढ़ाई होगी। दोनों संस्थानों की सीटों को भी आपस में समायोजित कर दिया गया है। बीबीए की 60 सीटों पर सीयूईटी यूजी 2023 और एमबीए की कुल 260 सीटों पर कैट और एचबीटीयू की प्रवेश परीक्षा के जरिए दाखिला होगा। इसके अलावा स्कूल में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत रोजगारपरक कोर्स और प्रोजेक्ट संचालित होंगे।
1986 में शुरू हुआ था स्टेप
सेंट्रल गवर्नमेंट की योजना के तहत साइंस टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप पार्क (स्टेप) एचबीटीआई की स्थापना की गई थी। उस वक्त एचबीटीयू को एचबीटीआई के नाम से जाना जाता था। शुरुआत में यहां पेंट, प्लास्टिक, सोप और कंप्यूटर से संबधित उद्यमिता परक कोर्स संचालित होते थे। फंड न मिलने की वजह से साल 2004 में उद्यमिता वाले कोर्स बंद हो गए। स्टेप एचबीटीआई को एकेटीयू से संबद्ध कराकर एमबीए और पीजीडीएम कोर्स शुरू किए गए। वर्ष 2020 में एआईसीटीई ने आदेश कि या था कि एक संस्थान में मैनेजमेंट का एक ही पीजी कोर्स चलेगा, उसकेबाद से यहां एमबीए कोर्स चल रहा है।
सीटें भरना होगा चैलेंज
स्टेप एचबीटीआई को एचबीटीयू में समायोजित होने के बाद खाली सीटों का बोझ झेल रहे एचबीटीयू पर अब स्टेप एचबीटीआई का भी बोझ पड़ गया है। एचबीटीयू में बीते दो साल से चल रहे एमबीए कोर्स की सीटें खाली हैं। वर्ष 2022-23 में एचबीटीयू की कुल 60 में से 22 सीटों पर ही स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिए हैैं। अब स्टेप की 180 सीटें समायोजित होने के बाद यहां कुल 240 सीटें हो जाएंगी। ऐसे में इनको भरना चैलेंज होगा। बताते चलें कि एचबीटीयू के एमबीए कोर्स में रेगूलर फैकल्टी के नाम पर सिर्फ डॉ। विनोद यादव ही हैैं। बाकी सभी गेस्ट फैकल्टी है। हालांकि अब समायोजन के बाद स्टेप के 11 फैकल्टी मेंबर एचबीटीयू की फैकल्टी हो गए हैैं।
मिनिमम सैलरी भी बढ़ी
एचबीटीयू में पढ़ाने वाली गेस्ट फैकल्टी की सैलरी 30 हजार से बढ़ाकर 57,700 रुपए कर दी गई है। इसके अलावा ऑफलाइन मोड में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, कांफ्रेंस और सेमिनार के लिए न्यूनतम एक लाख और अधिकतम चार लाख प्रतिदिन खर्च की अनुमति दी गई। सप्ताह भर के लिए अधिकतम 10 लाख खर्च करने को हरी झंडी मिल गई है। इसके अलावा ऑनलाइन मोड में 25 हजार प्रतिदिन और तीन दिन के लिए अधिकतम एक लाख खर्च करने की अनुमति दी गई। रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक फैकल्टी को दो लाख रुपए सीड मनी के तौर पर दिए जाने का अनुमोदन बैठक में मिला।
-प्रो। समशेर, वीसी एचबीटीयू