स्मार्ट सिटी में लोगों को स्मार्ट सुविधाएं भी जा रही हैं. इसी कड़ी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिटी के 50 चौराहों पर एसओएस इमरजेंसी कॉलिंग बॉक्स या हेल्प बॉक्स बॉक्स लगाए गए थे. इनके जरिए लोग किसी भी मुसीबत की स्थिति में पुलिस से हेल्प ले सकते थे.

कानपुर(ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी में लोगों को स्मार्ट सुविधाएं भी जा रही हैं। इसी कड़ी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिटी के 50 चौराहों पर एसओएस(इमरजेंसी कॉलिंग बॉक्स या हेल्प बॉक्स) बॉक्स लगाए गए थे। इनके जरिए लोग किसी भी मुसीबत की स्थिति में पुलिस से हेल्प ले सकते थे। अगर आपको मोबाइल काम नहीं कर रहा या फिर मोबाइल नहीं है तो इस बॉक्स में बोलने से आप सीधे पुलिस से कनेक्ट हो सकते थे। चंद मिनटों में मदद के लिए पुलिस आपके पास पहुंच जाती। लेकिन वर्तमान में इन हेल्प बॉक्स को खुद हेल्प की जरूरत है। लाखों रुपए खर्च कर चौराहों पर लगाए गए अधिकतर हेल्प बॉक्स खराब पड़े हुए हैं।

नहीं मिला कोई रिप्लाई
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रीडर्स से मिली जानकारी के मुताबिक डीजे आईनेक्स्ट ने कोकाकोला समेत अन्य दो चौराहों में लगे हेल्प बॉक्स का यूज कर रियलिटी चेक किया। रिपोर्टर ने चौराहे पर लगे हेल्प बॉक्स में लगे बटन को दबा कर हेल्प मी बोला लेकिन दूसरी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिला। मतलब हेल्प बॉक्स बंद पड़ा था। बड़ी बात तो यह है कि चौराहे पर तैनात ट्रैफिक होमगार्ड से रिपोर्टर ने जब पूछा कि हेल्प बॉक्स चल रहा है या नहीं? तो उसने जवाब दिया कि इससे ट्रैफिक चलाएंगे तो चौराहे पर पांच मिनट में जाम लग जाएगा। इससे साफ हो जाता है कि होमगार्ड को यह भी पता नहीं था कि इसका क्या यूज है।
लोगों को जानकारी नहीं
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लाखों रुपए खर्च कर कानपुराइट्स की सुविधा को देखते हुए चौराहों पर हेल्प बॉक्स लगाए गए थे। दो साल पहले लगाए गए यह हेल्प बॉक्स की जानकारी कानपुराइट्स न होने की वजह से बीते दो सालों में शायद ही इस सुविधा का लाभ लिया होगा। इसका मुख्य कारण सुविधा का प्रचार-प्रसार न होना है। यहीं कारण है कि 80 परसेंट से अधिक कानपुराइट्स को दूर पुलिस विभाग के कर्मचारियों को भी चौराहों पर लगे हेल्प एसओएस इमरजेंसी बॉक्स की जानकारी नहीं हैं।
इन चौराहों पर लगाए गए थे
घंटाघर चौराहा, गौशाला चौराहा, बगिया क्रासिंग, आईआईटी गेट तिराहा, राकेट तिराहा, बाकरगंज स्क्वायर, बगाही चौक तिराहा, गोपाल तिराहा, भाटिया तिराहा, संगीत टाकीज तिराहा, चंद्रिका देवी मंदिर, बांसमंडी, रामबाग, अशोक नगर, स्वरूप नगर, राजीव पेट्रोल पंप चौराहा, कोकाकोला चौराहा, जनता नगर तिराहा, एमआईजी तिराहा, शनिदेव मंदिर तिराहा, विजय नगर फ्रूट मार्केट, शास्त्री नगर गल्ला मंडी चौराहा, नीरछीर चौराहा, पांडूनगर स्क्वायर आदि चौराहों पर हेल्प बॉक्स लगाए गए थे।

क्यों पड़ी थी जरूरत
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चौराहों पर हेल्प बॉक्स इमरजेंसी में पुलिस की मदद मांगने के लिए लगाए गए थे
- बॉक्स में लगे बटन को दबा कर पुलिस कंट्रोल रूम से मदद की गुहार वह लोग लगा सकते थे। जिनके पास मोबाइल न हो
- ऐसी कंडीशन में वह हेल्प बॉक्स में लगे बटन को दबा कर पुलिस कंट्रोल रूम से कनेक्ट हो सकता था
- महिलाओं के लिए यह खासकर उपयोगी था, किसी भी मुश्किल स्थिति में उन्हें तुरंत मिल सकती थी मदद
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&& स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिटी के 50 चौराहों व तिराहों में हेल्प बॉक्स लगाए गए थे। यह बॉक्स स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूप से कनेक्ट थे। मेट्रो निर्माण को लेकर सिटी में जगह-जगह चल रही खुदाई की वजह से कई स्थानों के हेल्प बॉक्स वर्तमान में बंद पड़े हुए हैं.&य&य
राहुल सब्बरवाल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट प्रभारी

Posted By: Inextlive