स्टार्टअप्स की ‘अभिव्यक्ति’ में हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन
कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल (एसआईआईसी) की ओर से फ्राइडे को दो दिवसीय अभिव्यक्ति 2024 का आयोजन किया गया। जिसमें 70 से ज्यादा स्टार्टअप शो किए गए। हर स्टार्टअप किसी न किसी चैलेंज का सॉल्यूशन दे रहा था। लोगों की डेली लाइफ कहीं नहीं कहीं आसान बना रहा था। सुबह से शाम तक चले प्रोग्राम में पैनल डिस्कशन और पिच बैटल समेत अलग अलग सेशन हुए। इस प्रोग्राम में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट मीडिया पार्टनर है।
कमिश्नर अमित गुप्ता, स्पेशल सेक्रेटरी यूपी गवर्नमेंट रवि रंजन, आईआईटी डायरेक्टर प्रो। एस गणेश, एसआईआईसी के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो। अंकुश शर्मा, प्रो। अमिताभ बंदोपाध्याय और एसआईआईसी के सीईओ निखिल अग्रवाल ने इनाग्रेशन किया। इनाग्रेशन सेशन के बाद आडिटोरियम के बाहर लॉन मेेें स्टार्टअप्स का शो किया गया। स्टार्टअप शो में डिफेंस, सीएस या फिनटेक, क्लीनटेक, एआई, बायोटेक या एग्रीटेक, ड्रोन सीओई, आईओटी औरक सोशल इनोवेशन से जुड़े 70 से ज्यादा स्टार्टअप्स को स्टाल लगाकर शो किया गया था। हर स्टॉल पर फाउंडर और को फाउंडर अपनी विशेषता बताने के लिए हाजिर थे।
यह स्टार्टअप रहे सेंटर ऑफ अट्रैक्शनतुरंत पता लगेगी प्राब्लम, डाक्टर पास जाएगी रिपोर्ट
एसआईआईसी आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी लेनेक टेक्नोलॉजील प्रा। लि। ने अल्ट्रो पोर्टेबल एक्सरे इमेजिंग डिवाइस को बनाया है। इस डिवाइस की खासियत यह है कि इसको कहीं भी ले जाकर एक्सरे किया जा सकता है। इसके अलावा एआई टेक्नोलॉजी से लैस इस डिवाइस से प्राब्लम का तुरंत पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा एक साफ्टवेयर के जरिए डाक्टर के पास भी तुरंत रिपोर्ट पहुंच जाएगी। इसके फाउंडक सिद्धेश धाकड़, चिराग और सत्येंद्र हैैं। यह सभी आईआईटी धनबाद से बीटेक हैैं।
बलिया के प्रियरंजन तिवारी और आईआईटी कानपुर से बीटेक परीक्षित हुड्डा ने मेदांतिक मेड टेक नाम से अपनी स्टार्टअप कंपनी को साल 2022 में शुरु किया है। इसके नोड एक्स नाम के प्रोडक्ट की खासियत यह है कि इसमें सांस को भरकर फूंकने पर लंग्स की स्थिति को पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा कंपनी के दूसरे प्रोडक्ट को आक्सीजन सिलेंडर आदि में लगाने पर ऑक्सीजन की प्योरिटी का पता लगाया जा सकता है।
पराली और बंबू से बनाई क्राकरी
जहां सस्टेनेबिलिटी की बात होती हैै वहां हर चीज में सस्टेनेबिलिटी का ध्यान रखना जरूरी है। घरों में यूज की जाने क्राकरी गिरने या ज्यादा जोर पडऩे से टूट जाती है या फिर उसके प्लास्टिक के होने से ह्यूमन बॉडी को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में गाजियाबाद की पेसिंग ग्लास प्राइवेट लिमिटेड ने पराली, काफी हस्क और बंबू से क्राकरी को बनाया है। इनके द्वारा बनाए गए मग, ट्रे, प्लेट, टी कोस्टर आदि बायोडिग्रेडेबल हैैं इसके अलावा जल्दी टूटते भी नहीं हैैं। इसके फाउंडर संतोष कुमार हैैं।
एसआईआईसी आईआईटी कानपुर द्वारा इंक्यूबेटेड स्काई एआई टेक्नोलॉजिज ने एआई बेस्ड ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम बनाया है। इसकी विजन रेंज 5 किमी और आरएफ रेंज 2 किमी है। आरएफ रेंज की दूरी में आने वाले ड्रोन को फ्रिक्वेंसी के जरिए अपना या दुश्मन का होने का पता लगाया जा सकता है। दुश्मन के ड्रोन का पता लगते ही यह सिस्टम उसको जाम कर देता और कंट्रोल रुम में सूचना देता है।