तो क्या सीसीटीवी कैमरा का फाल्ट बना बसों में आगजनी का कारण, तीन बसें आग के हवाले
कानपुर(ब्यूरो)। चकेरी संजीव नगर स्थित ई-बस डिपो में तीन बसों में आग लगने का कारण तलाशने में टेक्निकल फारेंसिक एक्सपर्ट की टीम को लगाया गया है। तीन दिनों की जांच के बाद अधिकारियों के सामने एक ठोस कारण सामने आया है। वहबस में लगी आग की वजह को सीसीटीवी कैमरे के मेंटीनेंस वर्क को मान रहे हैं। क्योंकि घटना वाले दिन जिस बस में पहले आग लगी, उस बस के रात में डिपो में एंट्री करने के बाद सीसीटीवी कैमरे का मेंटीनेंस हुआ था। कैमरे के मेंटीनेंस में हुई लापरवाही की वजह से ही आग लगी है।
बसों के कैमरों से भी मिले सुराग
डिपो में कार्यरत एक स्टॉफ ने भरोसा दिलाने पर बताया कि जिन तीन बसों में आग लगी थी। उन बसों के सामने कुछ ई-बसें खड़ी हुई थी। जिनमें लगे सीसीटीवी कैमरे एक्टिव थे। लिहाजा उन बसों के कैमरे के फुटेज निकाले गए तो पता चला कि उस रात बस में आखिरी एंट्री करने वाला कैमरा का मैकेनिक ही था। उससे पूछताछ करने के दौरान कुछ तथ्य सामने आए है। जिसको एक गोपनीय जांच रिपोर्ट में फ्लिप किया गया है।
आठ कैमरों में चार पड़े खराब
संजीव नगर स्थित ई-बस डिपो परिसर में आठ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। जिसमें चार खराब पड़े हुए हैं। यहीं कारण था कि घटना का फुटेज परिसर में लगे किसी कैमरे में नहीं है। अगर बसों में लगे सीसीटीवी कैमरे एक्टिव न होते तो शायद ही घटना का पता लगा पाना मुश्किल होता। घटना की जांच करने वाली टीम बस में आग लगे का कारण खोजते ही रहती।
अधिकारियों के मुताबिक बीते फ्राइडे की भोर में 3 बजे के आसपास एक बस में अचानक आग लग गई थी। जिसके बाद उसके बगल में खड़ी दो और बस आग की चपेट में आ गई। तीनों बस आग में जलकर लगभग खाक हो गई हैं। एक बस की कीमत एक करोड़ से अधिक है। गवर्नमेंट की सब्सिडी देने पर एक बस की कीमत 88 लाख रुपए है।
अधिकारिक बोलने से बच रहे
ई-बस का प्रोजक्ट सीएम योगी आदित्य नाथ के ड्रीम प्रोजक्ट में एक है। तीन ई-बसों में आग लगने की घटना अभी तक ही प्रदेश की सबसे बड़ी घटना है। लिहाजा इस घटना में कोई अधिकारी जवाब देने से कतरा रहे हैं। अधिकारी जांच टीम की लिखित रिपोर्ट आने के बाद ही कोई अधिकारिक जवाब देने की बात कह अपने आपको बचा रहे हैं।
डीवी सिंह, आरएम, केसीटीएसएल