करोड़ों से बनाई स्मार्ट, चलाने से पहले दुर्दशा
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में 41 जगहों पर बनाई गई है स्मार्ट पार्किंग, लेकिन महीनों बाद भी कोई यूज नहीं
- 5 करोड़ की लागत से स्पेन से मंगाए गए पार्किंग सेंसर्स हो रहे खराब, एप और डिस्प्ले बोर्ड से मिलती पूरी जानकारीKANPUR: सिटी को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट रोड, स्मार्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम और स्मार्ट पार्किंग बनाने में करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं। शहर में पार्किंग की प्रॉब्लम को देखते हुए 41 जगहों पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट पार्किंग तैयार की गई। जिसमें दो पहिया और चार पहिया वाहनों की संख्या के आधार पर एप और पोर्टल पर उसकी स्थिति का पता चल जाता। इसके लिए इन जगहों पर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए गए, लेकिन एक साल से ज्यादा वक्त होने को आया, इस स्मार्ट पार्किंग का संचालन शुरू ही नहीं हो सका है। कई जगहों पर जहां स्मार्ट पार्किंग बनाई गई थी वहां पर खुदाई हो गई या सड़क का निर्माण चल रहा है। ऐसे में पार्किंग के लिए लगाए गए इंर्पोटेड सेंसर्स भी खराब हो रहे हैं।
क्या क्या होना था स्मार्ट पाकिर्ंग में - - 41 जगहों पर पार्किंग की उपलब्धता के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगे- 12 जगहों पर फोर व्हीलर्स की स्मार्ट पार्किंग क्षमता 335 की
- 29 जगहों पर टू व्हीलर पार्किंग के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए - पार्किंग में स्पेस है या नहीं, इसकी जानकारी डिस्पले बोर्ड से मिलती - स्मार्ट सिटी की बेवसाइट और एप के जरिए पार्किंग की अवेलबिलिटी की जानकारी घर बैठे मिलती - एम पॉज मशीन के जरिए पार्किंग के लिए स्लिप निकलती और उसी के आधार पर पेमेंट करते - इसकी जानकारी स्मार्ट सिटी इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में भी अपडेट होती --------------- पार्किंग का झाम बरकरार सिटी में जिन 41 जगहों पर स्मार्ट पार्किंग बनाई गई। वहां पर वाहनों का काफी दबाव रहता है। इन जगहों पर स्मार्ट पार्किंग लगाने का काम टेक महिंद्रा कंपनी ने किया था। 5 करोड़ की लागत से यह बीते एक साल पहले बनकर तैयार भी हो गई। 41 लोकेशन पर बाइक्स और चार पहिया वाहनों की पार्किंग की ऑनलाइन जानकारी की व्यवस्था उसी वक्त से मिलनी चाहिए थी, लेकिन एक साल से ज्यादा वक्त होने के बाद भी इसका कोई इस्तेमाल नहीं हो सका है। लगाए गए 400 सेंसर्सस्मार्ट पार्किंग बनाने के लिए स्पेन के बार्सिलोना शहर से मैग्नेटिक सेंसर्स मंगाए गए थे। 400 से ज्यादा सेंसर्स को 41 जगहों पर पार्किंग में जमीन से 1.5 फीट नीचे लगाया गया है। जिससे जल भराव होने पर सेंसर्स पर कोई असर न पड़े। हर एक फोर व्हीलर पार्किंग के लिए एक सेंसर लगाया गया है। उन सभी जगहों पर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए गए, लेकिन अब कई जगहों पर डिस्प्ले बोर्ड बंद भी पड़ गए हैं। ऐसे में इस स्मार्ट पार्किंग बनाने का कोई लाभ भी कानपुराइट्स को नहीं मिला।
हैंडओवर ही नहीं हुई स्मार्ट पार्किंग बनाने का काम टेक महिंद्रा कंपनी ने किया। एक साल से ज्यादा वक्त होने के बाद भी स्मार्ट पार्किंग को बनाने वाली फर्म ने कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को इस पार्किंग सिस्टम को हैंडओवर ही नहीं किया है। स्मार्ट सिटी के आईटी मैनेजर राहुल सब्बरवाल बताते हैं कि हैंडओवर लेने से पहले सभी कामों की जांच की जानी है। यह कार्रवाई अभी जारी है। जांच पूरी होने के बाद पार्किंग ठीक से चले यह सुनिश्चित किया जाएगा। यहां टू व्हीलर स्मार्ट पार्किंग की सुविधा-रतनदीप हॉस्पिटल, पालीवॉल मेडिकेयर, आरएसपीएल पार्किग एरिया, कृष्णा टावर, सिटी सेंटर, सब्जी मंडी ओ-ब्लॉक, नगर निगम मुख्यालय, भार्गव हॉस्पिटल, मधुराज हॉस्पिटल, केपीएम, अस्थाना टॉवर, द्विवेदी हॉस्पिटल, आकाश इंस्टीट्यूट, कल्पना प्लाजा, गेस्ट्रोलीवर हॉस्पिटल, परिणय गेस्ट हाउस, चौधरी मैरिज लॉन ई-ब्लॉक, नसीमाबाद, मिक्की हाउस के-ब्लॉक, सोसाइटी मोटर्स, सीएमएस दूध मंडी।
इन जगहों पर फोर व्हीलर की स्मार्ट पार्किंग- -लाजपत भवन ,कारगिल पार्क, -तुलसी उपवन, गुलाब सिंह, -नगर निगम मुख्यालय, राजीव वाटिका -सोमदत्त प्लाजा,पद्म टॉवर -सर्वोदय नगर,मर्चेट चैंबर।