नोट पर लिखा स्लोगन तो हो जाएगा बेकार
- आरबीआई ने बैंकों के लीगल टेंडर रहने के रूल्स में एक और नियम जोड़ा, पॉलिटिकल या राजनीतिक स्लोगन लिखने पर नोट नहीं रहेगा लीगल टेंडर
KANPUR: कोई बैंक नोट कब नहीं चलेगा इसे लेकर आरबीआई ने फैसेलिटी टू एक्सचेंज बैंक नोट एंड क्वाइन के मास्टर सर्कुलर में कुछ नए रूल्स जोड़ दिए हैं। जिसके मुताबिक अगर किसी नोट पर कोई पॉलिटिकल नारा या धार्मिक स्लोगन लिखा होगा तो वह लीगल टेंडर नहीं रहेगा। ऐसे नोटों को बैंक प्रचलन से हटा कर आरबीआई की करेंसी चेस्ट में जमा कराएगा। इस मास्टर सर्कुलर में बैंक नोटों के रिफंड के रूल्स में भी कुछ अमेंडमेंट किए गए हैं। जिसमें सिक्के जमा करने की प्रॉब्लम को भी आरबीआई ने एड्रेस ि1कया है। नोट नहीं रहेगा लीगल टेंडरफैसेलिटी टू एक्सचेंज बैंक नोट एंड क्वाइन के मास्टर सर्कुलर में किसी बैंक नेाट पर पालिटिकल स्लोगन या धार्मिक मैसेज लिखने पर बैंक नोट के लीगल टेंडर नहीं रहने की जानकारी दी गई है। ऐसे नोट आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लीगल टेंडर नहीं रहेंगे उन्हें आरबीआई की करेंसी चेस्ट में जमा कराना होगा। बैंक भी ऐसे नोटों को सर्कुलेशन में इश्यू नहीं करेंगे।
ऐसे नोट कर सकेंगे एक्सचेंज-- नोट पर किसी कलर का स्टेन लगा होना
- नोट का दो टुकड़ों में जुड़ा होना, नोट का कोई फीचर गायब नहीं होना - स्वाइल्ड घोषित किए जा चुके नोट, एक बार में 20 नोट या 5 हजार रुपए तक कौन सा नोट स्वाइल्ड नोट होगा घोषित- कोई नोट स्वाइल्ड नोट तब तक घोषित होगा जब वह बेहद गंदा हो गया हो, वह दो हिस्सों में एक ही नोट जुड़ा हुआ हो,जिसमें नोट का कोई फीचर मिसिंग न हो। ऐसे नोटों को बैंक जमा करेंगे। और उसे दोबारा किसी कस्टमर को इश्यू नहीं करेंगे। इन्हें सीधा आरबीआई की करेंसी चेस्ट में भेजा जाएगा। बैंक जमा करें सभी तरह के सिक्के कानपुर में व्यापारियों की सिक्कों को जमा करने की प्रॉब्लम काफी बड़ी है। बैंक छोटे सिक्कों को ज्यादा जमा नही करते हैं। या जमा करने से बचते हैं। आरबीआई के मास्टर सर्कुलर में साफ है कि 50 पैसे से लेकर, एक, दो, पांच, 10 और 20 रुपए के सिक्कों को बैंक जमा करेंगे। सिक्के कितनी संख्या में जमा किए जा सकते हैं इसे लेकर बैंक जरुर नियम बना सकता है। 14- करेंसी चेस्ट शहर में 616- बैंक ब्रांचे कानपुर नगर में1200- एटीएम अलग अलग बैंकों के सिटी में