बलवंत ङ्क्षसह की मौत मामले में फरार पुलिसकर्मियों का पता नहीं चल सका है. आरोपी मोबाइल फोन बंदकर अपने घरों से फरार हैं. पुलिस की छह टीमें दबिश में लगीं हैं. कानपुर प्रयागराज व दिल्ली के लिए इन्हें रवाना किया गया है. पूरी कार्रवाई एएसपी घनश्याम चौरसिया के नेतृत्व में चल रही है.


कानपुर (ब्यूरो) बलवंत के चाचा अंगद ङ्क्षसह की तहरीर पर शिवली कोतवाल रहे राजेश ङ्क्षसह, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, दारोगा शिवप्रकाश ङ्क्षसह,दारोगा ज्ञान प्रकाश पांडेय, कांस्टेबल महेश समेत छह व एक अज्ञात डाक्टर पर मुकदमा हत्या, बलवा व धमकाने की धारा में दर्ज किया गया था। मामले में पुलिस ने लाइन के आवास में जहां कुछ पुलिसकर्मी रह रहे थे दबिश दी पर उनका कुछ पता न चला। मोबाइल फोन सभी के लगातार बंद बता रहे हैं। जिले में गजनेर, शिवली, अकबरपुर में भी तलाश की गई पर सुराग न लगा।कानपुर में भी हैं मकान


कुछ पुलिसकर्मी पहले कानपुर में तैनात रहे हैं व मकान हैं। इस पर वहां भी टीम गई पर असफलता हाथ लगी। वहीं दिल्ली के लिए एक टीम को रवाना किया गया है। हाईकोर्ट जाने की आशंका के चलते प्रयागराज के लिए भी टीम को रवाना कर दिया गया है। अभी तक किसी का पता नहीं है और घटना की रात से ही सभी का फोन बंद बता रहा। पुलिसिया दांवपेच से सभी वाकिफ है इसके लिए सुराग लगाने में मशक्कत करनी पड़ रही। एसपी सुनीति ने बताया कि एएसपी के नेतृत्व में छह टीमें लगीं हैं। निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी

एसआईटी व मजिस्ट्रेटी जांच न हो सकी शुरू


मामले की जांच के लिए पुलिस की तरफ से एसआईटी व प्रशासन की तरफ से मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं। लेकिन बुधवार को जांच शुरू न की जा सकी है। इसके पीछेे वजह यह रही कि सारे अधिकारी व पुलिस बल गांव से लेकर घाट तक तैनात रहा क्योंकि हंगामे की आशंका थी। दो बार हंगामे की स्थिति बनी भी। शाम को संस्कार हो जाने के बाद पुलिस व अधिकारी हटे। एहतियातन अभी भी गांव में पुलिस तैनात की गई है। एसडीएम मैथा रमेश कुमार को मजिस्ट्रेटी जांच करनी है वह देररात से गांव में मौजूद थे और माहौल शांत कराने में लगे थे। इसी तरह से एसआईटी के लोग भी यहां जुटे रहे।

Posted By: Inextlive