राधा को चांसलर गोल्ड समेत छह मेडल
कानपुर (ब्यूरो) इटावा के चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज से एमएड में 91.3 परसेंट नंबर लाने वाली अनीता ने चांसलर सिल्वर, ब्रॉन्ज और दो स्पॉन्सर्ड गोल्ड समेत चार मेडल पाए हैं। बताया कि वह 12वीं में स्टडी कर रही थी, तभी उनकी शादी अमेठी के कृष्ण गोपाल यादव से हो गई थी। ससुराल पक्ष के सहयोग से इटावा के हॉस्टल में रहकर उन्होंने इन मेडलों को पाया है। इनके 11 साल के बेटे आर्यन को जेठानी सुनीता पाल पोस रहीं हैं। स्टडी के बारे में बताया कि उनका जब मन चाहता था तब वह कॉपी और किताब लेकर बैठ जाती थी। ये सीएसजेएमयू से पीएचडी करके किसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनना चाहती हैं।
मैनेजमेंट प्रोफेसर बनेंगे अभिनव
महाराणा प्रताप गवर्नमेंट महाविद्यालय हरदोई के अभिनव गुप्ता ने बीकॉम में 84.5 परसेंट नंबर पाकर चांसलर ब्रांज, वीसी गोल्ड और एक स्पॉन्सर्ड गोल्ड मेडल समेत तीन मेडल पाए हैं। ये अभी बीएचयू से एमबीए कर रहे हैं। सक्सेस के बारे में बताया कि सेल्फ स्टडी और खुद के नोट्स बनाकर पढऩे से उनको यह मेडल मिले हैं। जेएनयू से पीएचडी कर फाइनेंसियल मैनेजमेंट के प्रोफेसर बनना चाहते हैं। इनके पिता राजीव गुप्ता आटा चक्की चलाते हैं और मां आरती हाउसवाइफ हैं।
इनकम टैक्स ऑफिसर बनेंगी शालू
वीसी गोल्ड और चांसलर ब्रांज मेडल पाने वाली शालू पटेल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में ऑफिसर बनना चाहती हैं, जिसके लिए तैयारी कर रही हैं। इन्होंने हरदोई के प्रकाश कॉलेज से बीएससी में 91.8 परसेंट नंबर पाए हैं। बताया कि डेली 9 से 12 घंटे स्टडी करने से उन्होंने सक्सेस पाया है। इनके पिता वेद प्रकाश फार्मर हैं। मां संजीवनी देवी की कोरोना से डेथ हो चुकी है।
8 घंटे स्टडी करके जीते दो मेडल
महावीर प्रसाद मायावती कॉलेज हरदोई से बीए में 90 परसेंट नंबर लाने वाली शैंकी पटेल की सक्सेस का सीक्रेट लाइब्रेरी है। बताया कि वह डेली 8 घंटे लाइब्रेरी में बैठकर बुक्स को पढ़ती थीं। इनको चांसलर ब्रांज और वीसी गोल्ड मेडल मिला है। इनके पिता श्रवण कुमार फार्मर और मां रेखा देवी हाउसवाइफ हैं। यह एसएससी सीजीएल के जरिए गवर्नमेंट ऑफिसर बनना चाहती हैं।
केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बनना चाहते हैं उत्कर्ष
यूनिवर्सिटी के यूआईईटी से बीटेक केमिकल इंजीनियरिंग में 9.91 सीजीपीए लाकर गुमटी के उत्कर्ष त्रिपाठी ने वीसी गोल्ड और चांसलर ब्रांज मेडल पाया है। बीते दिनों में गेट के रिजल्ट मेेंं इनकी ऑल इंडिया 442 रैंक आई है। ये आईआईटी कानपुर या दिल्ली से एमटेक और पीएचडी करके केमिकल इंजीनियरिंग में रिसर्च करना चाहते हैं। ये केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर के रूप में अपना फ्यूचर देखते हैं। इनके पिता डॉ मनीष तिवारी फिजीशियन और मदर ज्योति तिवारी एस्ट्रोलॉजर हैं।
विजय नगर की रहने वाली गौरी चौहान ने वीसी गोल्ड और चांसलर ब्रांज मेडल पाया है। इन्होंने पीएसआईटी से बीबीए के एग्जाम में 84 परसेंट नंबर पाए हैं। बताया कि इन्होंने डेली क्लास ली और कभी भी कंटेंट को रटा नहीं बल्कि समझा, जिस वजह से उनको यह सक्सेस मिली है। यह प्रेजेंट में एमबीए स्टूडेंट है और फ्यूचर में इकोनॉमिस्ट बनना चाहती हैं। इनके पिता मानवेंद्र प्रताप सिंह बिजनेसमैन और मदर मंजू सिंह हाउसवाइफ हैं।