मड़ौली कांड में एसआईटी ने जांच के तीसरे दिन ड्रोन कैमरे से घटनास्थल के विजुअल कलेक्ट किए. वहीं एसआईटी चीफ एसपी हरदोई ने स्टेट टेक्निकल टीम से सेटेलाइट विजुअल मांगे हैैं. हालांकि सेटेलाइट विजुअल मिलने की उम्मीद बहुत कम है लेकिन अगर सेटेलाइट विजुअल मिल जाते हैैं तो जांच में बहुत आसानी होगी.

कानपुर (ब्यूरो)। मड़ौली कांड में एसआईटी ने जांच के तीसरे दिन ड्रोन कैमरे से घटनास्थल के विजुअल कलेक्ट किए। वहीं एसआईटी चीफ एसपी हरदोई ने स्टेट टेक्निकल टीम से सेटेलाइट विजुअल मांगे हैैं। हालांकि सेटेलाइट विजुअल मिलने की उम्मीद बहुत कम है लेकिन अगर सेटेलाइट विजुअल मिल जाते हैैं तो जांच में बहुत आसानी होगी। दरअसल घटनास्थल के आसपास बड़ी संख्या में मोबाइल टावर लगे हैं। जिसकी वजह से विजुअल मिलने की पूरी उम्मीद है। एसआईटी इलेक्ट्रॉनिक इविडेेंस से मामले में रिपोर्ट लगाने की तैयारी कर रही है।

तो बच सकती थी जान
एसआईटी पूछताछ में शिवम ने बताया कि साहब मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन अगर चाहता तो अम्मा- बिट्टïी की जान बच सकती थी। मौके पर पुलिस प्रशासन की टीम के अलावा बहुत से लोग थे लेकिन बुलडोजर देखने के बाद कोई भी सामने नहीं आया। नल टूटते ही ये अंदाजा हो गया था कि अब किसी भी हालत में झोपड़ी नहीं बचेगी। इस दौरान लोग अपनी जान बचाकर भागने लगे। जिस समय आग लगी है उस समय केवल मौके पर पुलिस प्रशासन के लोग थे।

इसका अंदाजा नहीं था
मौके पर मौजूद पुलिस कर्मी अम्मा-बिट्टïी को बचाने के बजाय लोगों को भगा रहे थे। इसी वजह से कोई आग तक नहीं पहुंच पाया। अगर हम पहुंच जाते तो अम्मा-बिट्टïी को बचा लेते। ये भी नहीं पता था कि पुलिस अम्मा-बिट्टïी को नहीं बचाएगी। अगर ये अंदाजा होता तो हम अपनी जान पर खेलकर अम्मा-बिट्टïी को जरूर बचा लेते।

ग्रामीणों से ली जानकारी
एसआईटी ने 13 ग्रामीणों के बयान दर्ज किए। परिजनों से भी घटना के दिन क्या और कैसे हुआ, जानकारी ली गई। टीम ने पीडि़त परिवार से जमीन के बारे में जानकारी लेने के साथ ही घटना के दौरान की स्थितियों के बारे में सवाल किए। राख से छांटकर मिट्टïी निकाली गई, जिसे जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजी गई। इसकी रिपोर्ट भी जल्द ही मंगाई गई है। जांच के दौरान आस पास लगे जले हुए पेड़- पौधे भी कलेक्ट किए हैैं। जिससे ये पता चलेगा कि आग का टेम्प्रेचर क्या था?

Posted By: Inextlive