5 सिखों की हत्या के आरोपी को एसआईटी ने गोंडा से किया गिरफ्तार
कानपुर (ब्यूरो) 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों में गोङ्क्षवद नगर के दादा नगर कॉलोनी में रहने वाले सरदार भगति और दूसरे परिवार के जोगेंदर ङ्क्षसह, शीला रानी, दलजीत और सतनाम ङ्क्षसह की लूटपाट के बाद हत्या की गई थी। दोनों परिवारों की ओर से मुकदमे दर्ज कराए गए थे। दोनों मुकदमों में गोंडा निवासी 65 साल का दिनेश कुमार शास्त्री वांछित चल रहा था। छानबीन में आरोपी के पैतृक गांव में स्कूल संचालन करने की जानकारी हुई थी। जिसके बाद एसआईटी ने शनिवार को आरोपी को गोंडा से गिरफ्तार किया है। दंगे के दौरान आरोपी दादा नगर महापालिका कॉलोनी में रहता था।
ये था मामला
कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों की जांच एसआईटी ने तीन साल पहले शुरू की थी। जांच पूरी होने के बाद दंगे के 127 मृतकों के परिवारों को इंसाफ मिलने की उम्मीद जगी है। जांच में 14 मुकदमों में गवाह मिल गए हैं और नौ मुकदमों में चार्जशीट लगाई जानी है। एसआईटी को चिह्नित 94 आरोपियों में 74 ङ्क्षजदा मिले हैं और 20 की मौत हो चुकी है। अब तक 147 गवाहों के बयान लिये गए हैं। मामले में अब तक 36 आरोपी जेल जा चुके हैं।
दंगे का 37वां आरोपी गोंडा में स्कूल संचालन कर रहा था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया हैै। जल्द ही बचे हुए आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।
बालेंदु भूषण, डीआईजी, एसआईटी
38 साल पहले हुए थे सिख विरोधी दंगे
127 सिखों की हत्या हुई थी दंगे में
3 साल पहले एसआईटी ने शुरू की जांच
94 आरोपियों को चिन्हित किया गया
74 इनमें से जिंदा मिले, 20 की हो चुकी मौत
37 को अब तक किया जा चुका है गिरफ्तार