मंदिरों में फूल चढ़ाने से लेकर सहालग और सजावट में काम आने वाले गुलाब गेंदा समेत अन्य फूलों की मांग मार्केट में बनी रहती है. लेकिन चुनावी माहौल में फूलों की डिमांड जबरदस्त बढ़ गई है. हर समर्थक और कार्यकर्ता अपने नेता का स्वागत फूल-माला से कराना चाहता है. शहर की 10 सीटों पर चुनाव प्रचार चरम पर है. वहीं सहालग भी शुरू हो गई है. फूलों की डिमांड के चलते गुलाब और गेंदा के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में वैलेंटाइन वीक शुरू होने से गुलाब की तो शॉर्टेज हो गई है.

कानपुर(ब्यूरो)। मंदिरों में फूल चढ़ाने से लेकर सहालग और सजावट में काम आने वाले गुलाब, गेंदा समेत अन्य फूलों की मांग मार्केट में बनी रहती है। लेकिन, चुनावी माहौल में फूलों की डिमांड जबरदस्त बढ़ गई है। हर समर्थक और कार्यकर्ता अपने नेता का स्वागत फूल-माला से कराना चाहता है। शहर की 10 सीटों पर चुनाव प्रचार चरम पर है। वहीं सहालग भी शुरू हो गई है। फूलों की डिमांड के चलते गुलाब और गेंदा के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में वैलेंटाइन वीक शुरू होने से गुलाब की तो शॉर्टेज हो गई है।

जमकर फूलों का प्रयोग
विधानसभा चुनाव प्रचार का रंग जैसे कानपुराइट्स पर चढ़ रहा है, वैसे ही गेंदे और गुलाब के फूलों का रंग चुनाव प्रचार पर चढ़ गया है। जिधर नजर डालिए नेताजी फूल-माल से लदे हुए दिखाई दे रहे हैं। प्रत्याशियों के जनसंपर्क व चुनावी बैठक में जमकर फूलों का इस्तेमाल हो रहा है। प्रत्याशियों के स्वागत के लिए पार्टी समर्थक भी भारी मात्रा में फूलों की खरीदारी कर रही है। जिस कारण अचानक शहर के अलग अलग फूल मंडियों में फूलों की डिमांड बढ़ गई है।

सहालग और चुनाव साथ
शिवाला फूल मंडी में फूल कारोबारी अजय सिंह ने बताया कि पिछले करीब एक सप्ताह से फूलों की अचानक डिमांड बढ़ गई है। पिछले दिनों काफी बारिश भी हुई। जिस कारण फूल बर्बाद भी हो गए। वहीं अब सहालग और चुनाव दोनों चल रहा है। जिस वजह से मंडी में गेंदे और गुलाब के फूलों की मांग दो गुनी हो गई है। उन्होंने बताया की वर्तमान में गेंदे के फूलों का भाव 250, कुंदा, 250, गुलाब 400 और गेंदा 300 रुपए किलो तक हो गए हैं।

बाढ़ से फूल की खेती बर्बाद
फूल कारोबारी सूरत ने बताया कि शहर के फूलों की मंडी में विभिन्न जगहों से फूल आते हैं। इनमें जयपुर, इंदौर के अलावा शहर के बाहरी क्षेत्रों महाराजपुर, सरसौल, चौबेपुर, शेखपुरा आदि जगह से फूलों की सप्लाई होती है। वहीं, इसके अलावा करीब दो महीने गंगा में बाढ़ आने की वजह से आसपास के एरिया में होने वाली फूलों की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गई। जिस कारण किसानों के पास फूल पहले जैसे नहीं रहे। यही कारण है कि फूलों का रेट लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

गुलदस्ते का भी बढ़ा रेट
फूलों के रेट में अचानक इजाफा होने से बुके का रेट भी बढ़ गया है। कौशलपुरी स्थित नित्या फ्लावर शॉप के संचालक दिवेश जायसवाल ने बताया कि गुलदस्ते की डिमांड बढ़ी जरूर है, लेकिन महंगाई की वजह से कस्टमर वापस लौट जा रहे है। इसकी वजह है कि मार्केट से ही फूल काफी मंहगे मिल रहे हैं। एक रोज स्टिक जो 20 रुपए की मिल जाती थी वो 50 रुपए में मिल रहा है। जो फूलों का सबसे छोटा गुलदस्ता 100 से डेढ़ सौ में मिल जाता था। वो अब 300 रुपए से ऊपर मिल रहा है।

फूल-- पहले--- अब के रेट
गेंदा--- 150--- 300
गुलाब-- 150----400
बिजली-- 70----100
कुंदा-- 100--- 250
(नोट- फूलों के रेट प्रतिकिलो के हिसाब से)

यहां यहां से फूल
- इंदौर
- जयपुर
- पुणे
- नासिक
- महाराजपुर
- सरसौल
- चौबेपुर
- शेखपुरा

फूलों के गुलदस्ता का भाव
गुलदस्ता-- पहले-- अब
रोज स्टिक- 20--- -50
क्लर रोज---30--- 50
गुलाब बंच-- 250--400
गुलाब फूल- 100 रुपए में 3 पीस

Posted By: Inextlive