दुकानों के 'लॉक' खुले लेकिन बिजनेस 'डाउन'
-59वें दिन उठे दुकानों के शटर, घंटाघर चौराहे पर लॉकडाउन से पहले जैसी दिखी भीड़
-इलेक्ट्रॉनिक्स, मिठाई, मोबाइल शॉप्स में उमड़ी भीड़, कुछ बेवजह ही बाहर घूमते रहे -मनीराम कलक्टरगंज, मूलगंज और मेस्टेनरोड में उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां -------- KANPUR: दो महीने बाद लॉकडाउन-4.0 में छूट मिलते ही शहर की रौनक लौट आई। शहर के चौराहों पर जहां पहले जैसे नजारा दिखा तो वहीं बाजार खुलने से लोग बेहद खुश नजर आए और खरीददारी के लिए निकल पड़े। तय दिन के हिसाब से बिल्डिंग मैटेरियल, लोहा, हार्डवेयर, शटरिंग, पेंट, इलेक्ट्रॉनिक, बैटरी- इनवर्टर, साइकिल गुड्स, गैस चूल्हा, शस्त्र, ऑटोमोबाइल आदि की शॉप्स खुलीं। कई मार्केट में इस कदर भीड़ उमड़ी कि लोग पहले ही दिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भूल गए। हालांकि ज्यादातर लोग फेस कवर करके ही निकले। लॉकडाउन में ढील के चलते भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मार्केट में पुलिस भी सक्रिय रही।खुश होकर उठाए शटर
व्यापारियों ने बेहद खुश होकर दुकानों के शटर उठाए और सबसे पहले ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया और अपने-अपने ईष्ट की पूजा अर्चना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था का जो बजट गड़बड़ा गया है वो देर से ही सही लेकन पटरी पर आ जाएगा।वेडनसडे को जब शॉप्स खुली तो इलेक्ट्रिल मार्केट मनीराम बगिया, विजय नगर, गुमटी में सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई। ज्यादातर लोग एसी, कूलर से रिलेटेड इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने पहुंचे थे। इसके अलावा मोबाइल और लैपटॉप के शोरूम्स में भी कस्टमर्स की भीड़ देखकर दुकानदारों के चेहरों पर मुस्कान छा गई। वहीं सागर मार्केट, बिरहाना रोड में भी मोबाइल दुकानों में पहले जैसा नजारा दिखाई दिया।
---------- पुराने मार्केट में भीड़ प्रदेश की बड़ी थोक बाजारों में शामिल नयागंज, कलक्टरगंज की किराना बाजार में भी रौकन लौटती दिखी। यहां लोगों की भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग दीवार टूटती रही। शहर की सड़कों पर भी ट्रैफिक भी खूब देखा गया। लोगों का कहना था कि इसी तरह राहत मिले, तो फिर से काम पटरी पर लौट सकता है लेकिन कोरोना के प्रति सभी को जागरूक रहना होगा। इसके अलावा मेस्टेन रोड, मूलगंज, सीसामऊ, किदवई नगर सहित अन्य मार्केट में काफी भीड़ रही। वहीं कपड़ा बाजार के बाहर दुकानदार बाहर बैठे रहे, लेकिन पुलिस ने अनाउंसमेंट कर दुकानों को तय दिनों के हिसाब से ही खोलने को कहा। -------------- सिर्फ जरूरी सामान ही बिकाकई बाजारें ऐसी भी रहीं, जो ग्राहकों का दिनभर इंतजार करती रहीं। फर्नीचर, बिल्डिंग मैटेरियल से लेकर बर्तन, गिफ्ट, शस्त्र, साइकिल, मिल मशीनरी से जुड़ी मार्केट में ग्राहकों का टोटा रहा। दुकानें खुलीं तो लोग लॉकडाउन और कोरोना को लेकर ही चर्चा करते रहे। हालांकि, मार्केट खुलने की परमीशन मिलने से ही दुकानदार खुश नजर आए। उनका कहना था कि धीरे-धीरे कस्टमर्स भी आएंगे।
---------- 7 बजते ही छाने लगा सन्नाटा सुबह 10 से शाम 6 बजे तक छूट के बाद पुलिस 6 बजे से ही दुकानों को बंद करने का अनाउंसमेंट करती रही। शाम 7 बजते ही सड़कों पर भीड़ कम होने लगी। घंटाघर में भी लगभग सन्नाटा जा छा गया। इसके अलावा परेड चौराहा, बड़ा चौराहा, गोल चौराहा, नौबस्ता, गोविंद नगर, विजय नगर, शास्त्री नगर, काकादेव, ग्वालटोली, अशोक नगर सहित अन्य मार्केट में स्थित दुकानों के शटर गिर गए। वहीं सड़कों पर भीड़ न के बराबर ही देखने को मिली। पुलिस लगातार गश्त कर लोगों को घरों में रहने के लिए अनाउंसमेंट करती रही। ---------- चोरी-छिपे खुले सैलूनलॉकडाउन में ढील के बाद चोरी-छिपे सैलून भी खोले गए। सैलून के शटर आधे-आधे खोलकर अंदर लोगों को बाल काटने और मेकअप का काम चलता रहा। जबकि कानपुर में सैलून आदि खोलने को लेकर कोई आदेश नहीं है। बिरहाना रोड, लाजपत नगर, चुन्नीगंज, स्वरूप नगर, आर्य नगर स्थित कई बड़े कंपनियों के सैलून चोरी-छिपे खुले रहे।