खुरासान माड्यूल के आतंकियों कई अलग-अलग लोगों से असलहे मंगाते थे. एनआईए विशेष कोर्ट में हुए गवाहों के बयान से ये साफ हुआ है. अब तक असलहा सप्लाई में गन हाउस मालिक समेत पांच लोगों के नाम प्रकाश में आ चुके हैं. जो इन लोगों को अलग-अलग स्थानों पर समय-समय पर असलहे और कारतूस मुहैया कराते थे. सप्लाई करने वालों में बिधनू का भी एक युवक शामिल था. उसके शहर आकर तीन पिस्टलों की डिलीवरी देने के इविडेंस भी मिले हैं.


कानपुर (ब्यूरो) खुरासान माड्यूल के आतंकियों के पकड़े जाने के बाद जब छानबीन शुरू हुई तो संगठन को असलहा सप्लाई में कई नाम प्रकाश में आये हैं। मामले में फखरे, इरशाद, राघवेंद्र पहले से असलहों की डिलीवरी देते थे। एनआइए विशेष कोर्ट में बिधूना तिलक नगर निवासी अनुज कुमार उर्फ गोलू ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। जिसमें उसने बताया है कि वह बीएससी पढ़ाई के बाद वर्ष 2013 से पिता की ठेकेदारी का काम संभाल रहा था। नवीन बस्ती लोहिया नगर निवासी शैलेंद्र यादव से उसकी दोस्त शीलू के माध्यम से दोस्ती हुई थी। बीते चार मार्च 2017 को वह अपने साथी विकास के साथ बिधनू चौराहे पर खड़ा था। इसी बीच विकास के पास शैलेंद्र का फोन आया। उसने बेला थाना क्षेत्र के याकूबपुर में एक मित्र को बहन की शादी का कार्ड देने जाने की बात कही थी। पांच मिनट बाद ही वह ऑल्टो कार लेकर चौराहे आया था। उस वक्त शैलेंद्र के साथ में अजय नाम का युवक भी था।रुपये का पैकेट दिया
याकूबपुर पहुंचने के बाद उसने बताया कि जिसे शादी का कार्ड देना है वह कानपुर चला गया है। अब वहीं चल कर कार्ड देना पड़ेगा। जिसके बाद वह लोग याकूबपुर से कानपुर आए। यहां पहुंचकर शैलेंद्र ने एक युवक से फोन पर बातचीत की। युवक ने उसे शारदा नगर में मिलने के लिए बुलाया। शारदा नगर में अनुराग हॉस्पिटल के पास वह लोग युवक का इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद युवक आया तो शैेलेंद्र ने सभी से उसका परिचय कराया था। युवक ने अपना नाम रिशू बताया था। शैलेंद्र ने उसे पॉलीथीन में लिपटा हुआ एक पैकेट दिया। जिसकी एवज में रिशू ने शैलेंद्र को कुछ रुपये दिए। जिसे बिना गिने ही उसने जेब में रख लिया। इसके बाद वह लोग वापस लौटे। रास्ते में शैलेंद्र ने उन लोगों को बताया था कि पैकेट में तीन पिस्टल हैं।

Posted By: Inextlive