कर्नल गद्दाफ़ी के पास थीं कई 'हरम दासियाँ'
ये जानकारी फ्रांसिसी पत्रिका ली-मोंडे की पत्रकार एनिक कोजिन ने दी है। एनिक ने ये जानकारी फ्रांसीसी टेलीविज़न चैनल फ्रांस-24 को दिए गए एक साक्षात्कार में दिया है।
एनिक कोजिन ने उन महिलाओं से मुलाक़ात की, जिन्हें कर्नल गद्दाफी अपने हरम में कैद करके रखते थे। एनिक ने इन सबूतों का वर्णन अपनी किताब 'डांस ले हरेम डे गद्दाफ़ी' यानी 'गद्दाफी के हरम की शिकार' में किया है।किताब में गद्दाफ़ी के महल के 'स्त्रीगृह' में सालों तक क़ैद में रहने वाली महिलाओं की आपबीती दर्ज की गई है, जिन पर गद्दाफी की बुरी नज़र पड़ने के बाद उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए तबाह हो गई।सोराया की आपबीतीऐसा ही दर्दनाक उदाहरण है 15 साल की उम्र में गद्दाफी की यौन दासी बनी 'सोराया' की, जो ये कहती है कि वो आज़ाद लीबिया में अपनी ज़िंदगी की एक नई शुरुआत करना चाहती है, पर ये सब इतना आसान नहीं है।
एक स्कूली कार्यक्रम में सोराया ने गद्दाफी को फूलों का गुलदस्ता भेंट किया था, जिसे उन्होंने उसके सिर पर हाथ रखकर स्वीकार किया था, लेकिन बाद में उन्होंने उसका अपहरण करवा लिया।सोराया को गद्दाफी के सामने पेश करने से पहले काफी प्रताड़ित किया गया, उसके खून की जांच की गई, वक्ष के नाप लिए गए और फिर काफी कम कपड़ों में उनके सामने पेश किया गया था। शुरू में काफ़ी विरोध करने के बाद आखिरकार सोराया ने भी हार मान ली।
गद्दाफी को जो महिला पसंद आ जाती थी, उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने से पहले उनके खून की जांच कर ये पता लगाया जाता था कि उन्हें कोई बीमारी तो नहीं है।सालों गद्दाफी की कैद में रहने के कारण सोराया के घरवाले अब उससे घृणा करते हैं। उसे डर है कि उसके भाई उसे मार डालेंगेइसलिए वो छुपकर रहती है। उन लोगों को लगता है कि अगर समाज को सोराया के इतिहास के बारे में पता चलेगा तो उनका नाम ख़राब होगा।एनिक के मुताबिक इन लड़कियों ने ये ज़िंदगी नहीं चुनी थी, पर ये बात कोई नहीं समझता था। हर कोई उनके जीवन का फैसला उनके साथ हुए हादसों से जोड़कर करता है।ऐनिक कोजिन कहती हैं, ''गद्दाफी अपने महल के तहखानों में औरतों को बंदी बनाकर रखते थे। इन लोगों को किसी भी वक्त सिर्फ अपने अंत:वस्त्रों में गद्दाफी के सामने आना होता था और उसकी शारीरिक और मानसिक क्रूरता का शिकार होना होता था। गद्दाफी इन महिलाओं के साथ बलात्कार करते थे, उन्हें मारते-पीटते थे और उनके साथ निम्न स्तर का यौन दुर्व्यवहार किया करते थे.''
गद्दाफी के लिए बलात्कार एक हथियार था, दूसरों पर अपना प्रभुत्व जमाने के लिए और औरतें एक कमज़ोर शिकार हुआ करतीं थी। वो अपने मंत्रियों और विरोधियों की बीवियों और बेटियों के साथ भी ऐसा करते थे, उन्हें नीचा दिखाने के लिए।लत भी, हथियार भीगद्दाफी को बलात्कार करने की लत थी, इतना की वे अपने ई-मेल्स देखने के बीच में भी कई स्कूली छात्राओं के साथ व्याभिचार किया करते थे।ऐनिक के अनुसार गद्दाफी के पीड़ितों में उनके कुछ पुरुष मंत्री, राजनयिक, सेनाधिकारी और कबायली नेता भी हुआ करते थे जिन्हें उनके साथ हमबिस्तर होना पड़ता था।कुछेक मामलों में गद्दाफी इन मंत्रियों, कबायली नेताओं और राजनयिकों की पत्नियों को पैसे और तोहफे का लालच देकर उन्हें अपने काबू में करते थे।गद्दाफी जब भी लीबिया से बाहर जाते तो उनके साथ उनके हरम की एक महिला 'माबरुका शेरिफ' हुआ करती थीं, जो उनके लिए दूसरे देशों में कम उम्र की खूबसूरत लड़कियों और कभी-कभी लड़कों का इंतज़ाम करतीं थी।माबरूका जब पेरिस आती थीं, तो यहां के एक काफी महंगे होटल चैंप्स एलिसीज़ में रुकती थीं जिसके बारे में ऐनिक को एक फ्रांसिसी राजनयिक ने बताया था।
उस राजनयिक ने कहा था, ''माबरुका ख़रीदारी कर रही हैं और ये लीबियाई दूतावास की मदद के बगैर संभव नहीं है। उस समय फ्रांसीसी अधिकारियों को इस बारे में थोड़ा-बहुत तो अंदाज़ा था लेकिन पूरी तरह से नहीं.'' उन्हें नहीं मालूम था कि कर्नल गद्दाफी इन महिलाओँ के साथ कैसे जानवरों सा सलूक करते हैं?एनिक कोज़िन खुद को खुशकिस्मत मानती हैं कि इन महिलाओं ने उनपर भरोसा किया और उनसे ये जानकारियों बांटी, अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर।क्योंकि ये भी चाहती थीं कि एक ना एक दिन गद्दाफी को उनके किए की सज़ा मिले क्योंकि लीबियाई समाज में सेक्स से जुड़ी बातें करना आज भी स्वीकार्य नहीं है।सोराया की तरह कई महिलाओं के मन में क्षोभ है, क्योंकि लीबिया में आज़ादी आने के बाद भी उन्हें इस बारे में बोलने की आज़ादी नहीं है। एनिक के अनुसार इन महिलाओं से मिलना उनके पत्रकार जीवन का अब तक का सबसे दर्दनाक अनुभव रहा है।