वंदे भारत एक्सप्रेस का सेकेंड ट्रायल 'सुपरहिट'
- महज 4.03 घंटे में नई दिल्ली से कानपुर सेंट्रल पहुंची वंदे भारत टी-18 एक्सप्रेस, 15 मिनट रही बिफोर
-130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ी ट्रैक पर, कानपुराइट्स में खासा उत्साह, ट्रेन की झलक पाने को पहुंचे सेंट्रल KANPUR। रेल बजट में वंदे भारत एक्सप्रेस 'टी 18' ट्रेन को हरी झंडी देते ही रेलवे अधिकारियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी। लिहाजा बजट के दूसरे दिन ही दिल्ली से वाया कानपुर होकर वाराणसी चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का टाइम टेबल के मुताबिक सेकेंड ट्रायल किया गया। जोकि सुपरहिट रहा। ट्रेन सैटरडे की सुबह 6 बजे दिल्ली से रवाना हुई और अपने निर्धारित समय से 15 मिनट बिफोर कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म चार पर आकर खड़ी हो गई। जिसको सेंट्रल स्टेशन से सुबह 10.20 बजे वाराणसी के लिए रवाना किया गया। चार घंटे में सफर किया पूराट्रेन से कानपुर-दिल्ली का सफर महज चार घंटे में पूरा होना पैसेंजर्स के लिए एक सपना जैसा था। जोकि रेलवे ने आखिरकार सच कर दिखा दिया। सैटरडे सुबह 6 बजे दिल्ली के प्लेटफार्म 16 से कानपुर के लिए रवाना हुई वंदे भारत एक्सप्रेस 'टी 18' सुबह 10.03 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर आकर खड़ी हो गई। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक वंदे भारत एक्सप्रेस कानपुर के व्यापारियों के लिए सबसे ज्यादा लाभदायक साबित होगी।
एक्सपीरियंस हाथों में थमाई ट्रेन सेंट्रल स्टेशन एसएस आरएनपी त्रिवेदी ने बताया कि सैटरडे की सुबह अपने टाइम टेबल के मुताबिक सेकेंड ट्रायल में कानपुर पहुंची वंदे भारत एक्सप्रेस में ड्राइवर राम दुलारे व घनश्याम तिवारी तैनात थे। वहीं गार्ड एके मोइत्रा थे। उन्होंने बताया कि ट्रेन में तैनात पायलट व को-पायलट कई वर्षो से राजधानी ट्रेन चला रहे हैं। जिनको रिफ्रेश ट्रेनिंग देने के बाद ट्रेन में तैनात किया गया है। ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की खासियत - ट्रेन में दो एक्जिक्यूटिव कम्पार्टमेंट व 14 चेयरकार कोच हैं - देश की पहली इंजन रहित ट्रेन है - 160 किमी प्रति घंटे है अधिकतम स्पीड - जीपीएस आधारित ट्रेन में इंक्वायरी सिस्टम - सभी कोच में ऑटोमैटिक दरवाजे - 8 घंटे में तय करेगी 755 किमी का सफर - एक्जिक्यूटिव कम्पार्टमेंट में 52 व चेयरकार में 78 व इलेक्ट्रिक मोटर यान में 44 बर्थ हैं