इरफान की नामी-बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा
कानपुर (ब्यूरो) पुलिस की एक टीम सिर्फ उनकी संपत्तियों को चिह्नित करने का काम कर रही है। कानपुर और यूपी के बाहर मुंबई, अजमेर, जयपुर, नोयडा और दिल्ली की संपत्तियों की भी पुलिस ने जानकारी लेनी शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इंटेलीजेस की टीम ये जानकारी कर रही है कि सपा विधायक ने संपत्ति अपने किन-किन रिश्तेदारों और करीबियों के नाम की है। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। ईडी ने भी सपा विधायक की संपत्ति की जानकारी लेनी शुरू कर दी है। अगर मामला ज्यादा बड़ा होता है तो इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट(ईडी) सीधे तौर पर इंवॉल्व हो सकती है।
चला रहे थे वसूली गैंग
कानपुर में इरफान सोलंकी पर कार्रवाई को लीड कर रहे आईपीएस आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि सीसामऊ से सपा विधायक और उनके भाई समेत पांच लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। विधायक लोगों से वसूली, जमीनों पर कब्जा और रंगदारी वसूलने का गैंग चला रहे थे। उनकी काली कमाई से खड़ी की गई करोड़ों की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की जाएगी। इसी के तहत उनकी 10 करोड़ की संपत्ति चिह्नित कर ली गई है। ये संपत्ति उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में दाखिल की है।
घोषणापत्र के आधार पर
इसी आधार पर सबसे पहले उनकी घोषित 10 करोड़ की प्रॉपर्टी को चिह्नित किया गया है। इसमें उनकी कोठी समेत तीन मकान, दो फैक्ट्री और कई निर्माणाधीन साइट हैं। कानपुर के साथ ही अन्य जिलों व राज्यों की प्रॉपर्टी को चिन्हित करने के लिए पुलिस की एक अलग टीम तेजी से काम कर रही है। बताया जाता है कि इरफान के पास कानपुर से लेकर मुंबई तक करोड़ों की संपत्ति है। एक-एक संपत्ति की डिटेल खंगाली जा रही है।
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इरफान के साथ ही उनके भाई रिजवान भी करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। कानपुर और उन्नाव जिले में ही कई करोड़ की संपत्ति है। रिजवान उन्नाव जिले का भू-माफिया भी है। रिजवान ने कानपुर से उन्नाव तक सरकारी जमीनों पर कब्जा और अवैध तरीके से करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई है। रिजवान की संपत्तियां भी गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की जाएंगी।
महाराजगंज जेल में बंद हैैं इरफान
जाजमऊ निवासी बेबी नाज के प्लॉट पर कब्जा करने की नीयत से आग लगाने के आरोप इरफान और उसके भाई रिजवान पर है। मामले में केस दर्ज होते ही इरफान फरार हो गए। कानपुर से लेकर मुंबई तक पांच प्रदेशों में एजेंसियां इरफान की तलाश करती रहीं। इस दौरान उन पर फर्जी दस्तावेज से हवाई यात्रा करने का भी केस दर्ज हुआ। इरफान पर कानूनी शिकंजा कसा तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर के ऑफिस में सरेंडर कर दिया। कानपुर जेल में तमाम लोगों की मिलाई की वजह से परेशान जेल प्रशासन ने उनका ट्रांसफर महाराजगंज जेल में कर दिया। इन दिनों इरफान का ठिकाना महाराजगंज जेल है।
क्या कहता है नियम
- गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 ए के तहत आरोपी बनाए अभियुक्तों की संपत्ति को पुलिस जब्त कर सकती है। आरोपी द्वारा पहला मुकदमा दर्ज होने के बाद बनाई गई प्रॉपर्टी को दबंगई के बल पर अर्जित मानते हुए जब्त करने का प्राविधान है।
- जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियुक्तों की संपत्ति सीज करने का नियम है। आरोपी बनाए गए सभी पांचों आरोपियों की संपत्तियां खंगाली जा रही हैं।
-जांच में पहले ही विधायक की करोड़ों की संपत्तियां सामने आ चुकी हैं। कानपुर में ही कई करोड़ की संपत्तियां हैं। इसके अलावा लखनऊ, मुम्बई, नोएडा में फ्लैट व जमीन होने की जानकारी सामने आई हैं।
-पहले चरण में पुलिस कानपुर और दूसरे चरण में दूसरे शहरों में स्थित संपत्तियों को जब्त करेगी। प्रदेश से बाहर की संपत्तियों को लेकर कानूनी राय ली जा रही है। संपत्तियां अनुमान से ज्यादा मिलीं तो ईडी को जांच में शामिल किया जा सकता है।