8 पुलिसवालों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार
- बिकरू कांड की एसआईटी जांच में दोषी पाए गए 37 पुलिसकर्मियों में 8 को बड़ी सजा की संस्तुति
>kanpur@inext.co.in KANPUR : बिकरू कांड को लेकर एसआईटी की जांच में दोषी पाए गए 37 पुलिस वालों में आठ पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के 37 पुलिसकर्मियों की जो लिस्ट सामने आई है, उसमें आठ को बड़ी सजा, छह को छोटी सजा की संस्तुति की गई है, जबकि 23 के खिलाफ पहले एडीजी जोन कानपुर व लखनऊ जांच कराएंगे और उसके बाद अनुशानात्मक कार्रवाइर्1 होगी। ये है सजा का प्रावधानआईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि बड़ी सजा के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल के लिए न्यूनतम वेतनमान पर भेजे जाने का प्रावधान है। इसके अलावा इंस्पेक्टर व दारोगा रैंक के अधिकारी को तीन साल तक थानेदारी नहीं मिलेगी और दस साल तक प्रमोशन नहीं होंगे। इसके तहत अधिकतम सजा बर्खास्तगी है। हालांकि इससे पहले डिप्टी एसपी रैंक के एक पीठासीन अधिकारी के सामने आरोपी को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलेगा। जबकि लधु दंड में नोटिस देकर आरोपियों का पक्ष लिया जाएगा। इसके तहत तीन साल तक थानेदारी नहीं मिलने व दस साल तक प्रमोशन न मिलने की सजा हो सकती है।
इन्हें बड़ी सजा की संतुति
विनय कुमार तिवारी: तत्कालीन थानाध्यक्ष चौबेपुर
केकेशर्मा: तत्कालीन हलका प्रभारी, चौबेपुर अवनीश कुमार सिंह: सब इंस्पेक्टर, लखनऊ अजहर इशरत: सब इंस्पेक्टर, चौबेपुर कुंवरपाल सिंह, विश्वनाथ मिश्रा: सब इंस्पेक्टर, चौबेपुर अभिषेक कुमार: आरक्षी, चौबेपुर राजीव कुमार: रिक्रूट आरक्षी, चौबेपुर इन्हें मिला लघुदंड राममूर्ति यादव: वर्तमान थाना प्रभारी बजरिया अंजनी कुमार पांडेय: तत्कालीन थाना प्रभारी कृष्णानगर दीवान सिंह: सब इंस्पेक्टर, चौबेपुर लायक सिंह: मुख्य आरक्षी, चौबेपुर विकास कुमार, कुंवरपाल: आरक्षी, चौबेपुर