गोविंद नगर में वोटर्स 'बमुश्किल' पास
- गोविंद नगर विधानसभा उपचुनाव में अब तक की सबसे कम वोटिंग, किसी पोलिंग सेंटर पर नहीं दिखा उत्साह
- सुबह से शाम तक दिखी वोटर्स की सुस्ती, मात्र 33 परसेंट वोटिंग होने से प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ीKANPUR: गोविंद नगर विधानसभा के उपचुनाव में मंडे को बेहद सुस्त वोटिंग हुई। गोविंद नगर विधानसभा में शाम 6 बजे तक हुई वोटिंग में मात्र 33.13 परसेंट वोट ही पड़े। 70 पोलिंग सेंटर्स और 349 पोलिंग बूथ पर सुबह से शाम तक न तो वोटर्स की लंबी लाइनें दिखी और न वोटिंग को लेकर उत्साह दिखा। लोगों ने वोट करने के बजाए छुट्टी को अपनी तरह एंज्वॉय करना ज्यादा ठीक समझा। वोटिंग की रफ्तार कितनी सुस्त थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक 6 घंटों में महज 20 फीसदी वोट ही पड़े। इसके बाद के 5 घंटों में भी मात्र 10.13 परसेंट ही वोटिंग हुई। 1985 में हुए चुनावों के बाद सिर्फ इस बार के ही चुनाव में गोविंद नगर क्षेत्र में इतनी कम वोटिंग हुई है।
पोलिंग सेंटर नहीं हुए गुलजारगोविंद नगर विधानसभा में 349 पोलिंग सेंटरों पर वोटिंग होनी थी। वोटर्स ज्यादा ज्यादा वोट डालने निकले इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से जागरूकता फैलाने के भी कई दावे किए गए,लेकिन न तो वोटिंग की शुरुआत में वोटर्स में गर्मजोशी दिखी और न ही वोटिंग खत्म होने के वक्त ही बूथों पर वोटर्स की भीड़ उमड़ी। मतदान की इस धीमी रफ्तार ने अफसरों के भी पसीना ला दिया।
एक प्रत्याशी को मिले वोट से भी कम वोटिंग गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनावों में इस बार मात्र 1,11,467 वोट पड़े हैं। यह वोट इस विधानसभा में 3 विधायकों के 6 बार के कार्यकाल में अलग अलग मिले वोटों से भी कम है। इस विधानसभा के वोटिंग की हिस्ट्री को देखे तो 1985 में यहां सबसे कम 63,796 वोट पड़े थे। गोविंद नगर से दो बार विधायक चुने गए अजय कपूर को यहां दोनों बार 2 लाख से ज्यादा वोट मिले। इसके बाद इस क्षेत्र से 4 बार विधायक रहे बालचंद्र मिश्रा को भी दो चुनावों में 1.90 लाख से ज्यादा वोट मिले। जबकि बीते दो बार से विधायक रहे भाजपा के सत्यदेव पचौरी ने अपने दोनों चुनावों में 1.50 लाख से ज्यादा वोट पाए। ऐसे में इस उपचुनावों में वोटिंग नंबर्स जरूर नेताओं और अधिकारियों दोनों को परेशान कर सकते हैं।